पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त ओपी रावत ने रिटायर होने के बाद कहा कि नोटबंदी के बाद भी चुनाव में कालेधन का इस्तेमाल कम नहीं हुआ है. उन्होंने कहा कि चुनाव के दौरान कालाधन पहले से ज्यादा जब्त हुआ है. रावत ने कहा, ‘नोटबंदी के बाद यह सोचा गया था कि चुनाव के दौरान कालेधन का इस्तेमाल कम होगा. लेकिन जब्ती से ऐसा बिल्कुल भी नहीं लगा. पुराने चुनाव की तुलना में उन्हीं राज्यों में ज्यादा कालाधन जब्त हुआ है.’
इसके साथ ही उन्होंने कहा, ‘इससे यह साफ पता लगता है कि राजनीतिक दलों और उनके फाइनेंसरों के पास धन की कोई कमी नहीं है. इस तरीके से इस्तेमाल होने वाला धन आमतौर पर काला धन ही होता है. चुनाव में काला धन इस्तेमाल होता रहा है, इसकी रोक के लिए कोई व्यवस्था नहीं है.’बता दें, ओ.पी. रावत एक दिसंबर को मुख्य चुनाव आयुक्त पद से सेवानिवृत्त हुए हैं. उनकी जगह अब सुनीत अरोड़ा ने ली है. अरोड़ा का बतौर सीईसी कार्यकाल अप्रैल 2021 तक का होगा. इस दौरान उनकी निगरानी में 2019 में आम चुनाव और सिक्किम, आंध्र प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, ओडिशा, महाराष्ट्र, हरियाणा, झारखंड, बिहार, दिल्ली और जम्मू एवं कश्मीर विधानसभा चुनाव होंगे. अरोड़ा भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के 1980 बैच के राजस्थान कैडर के सेवानिवृत्त अधिकारी हैं. बतौर चुनाव आयुक्त अरोड़ा की नियुक्ति एक सितंबर 2017 को हुई थी.
अरोड़ा 30 अप्रैल 2016 को सूचना एवं प्रसारण सचिव के पद से सेवानिवृत्त हुए थे. अपनी 36 वर्षो की सेवा में उन्होंने राजस्थान व केंद्र सरकारों में कई महत्वपूर्ण पदों पर अपनी सेवाएं दी हैं. वह कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय में सचिव, 2002 से 2005 के बीच इंडियन एयरलाइंस के चेयरमैन व प्रबंध निदेशक, एयर इंडिया, एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड और राष्ट्रीय कौशल विकास निगम के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स के सदस्य के रूप में कई पदों पर अपनी सेवाएं दे चुके हैं. अरोड़ा ने 2005 से 2013 में राजस्थान राज्य उद्योग विकास एवं निवेश निगम (रीको) के अध्यक्ष और 2013-14 में राजस्थान सरकार में अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह) के रूप में भी अपनी सेवाएं दी थीं.