Home हिमाचल प्रदेश हिमालय में बसे लोगों की समस्याओं को जाने बिना तकनीक बेकार…

हिमालय में बसे लोगों की समस्याओं को जाने बिना तकनीक बेकार…

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हिमालय में वही लोग बसे रहे हैं जो इस क्षेत्र की समझ रखते हैं और यहां के मुश्किल हालात को भी संभाल सकते हैं। ऐसे में जब तक उनकी समस्याओं को नहीं जानेंगे और उनके उपयोग की चीजों की जानकारी लिए बिना तकनीक तैयार की जाएगी, वह बेकार ही साबित होगी। इसलिए जिला आधारित खासकर ग्रामीण अंचल को ध्यान में रखते हुए नई तकनीक तैयार करनी चाहिए ताकि अतिसंवेदनशील हिमालयी ईको सिस्टम को नुकसान पहुंचाए बिना लोगों को फायदा पहुंचाया जा सके।

यह बात टाइम-लर्न कार्यक्रम को संचालित करने वाले केंद्रीय विज्ञान एवं तकनीकी विभाग के साइंस फॉर इक्विटी, एंपावरमेंट एंड डेवलपमेंट (सीड) डिविजन के प्रमुख डॉ. डी दत्ता ने कही। पैनल डिबेट के दौरान दत्ता ने कहा कि हिमालयी क्षेत्र में विकास कार्यों को मैदानी क्षेत्रों की तर्ज पर अंजाम नहीं दिया जा सकता। मैदानों में तो निर्माण आधारित विकास किया जा सकता है लेकिन चूंकि हिमालयी क्षेत्र बेहद संवेदनशील हैं, इसलिए यहां अंधाधुंध के बजाय वैज्ञानिक तकनीक के जरिये ही विकास संभव है। इसके लिए पहले उन लोगों की जरूरत और दिक्कताें को समझना होगा।

दोनों को समझने के बाद ऐसे आविष्कारों को बढ़ावा देना होगा जो पर्यावरण को बचाते हुए लोगों की जरूरतें पूरा कर सकें। चर्चा के दौरान विशेषज्ञों ने आम लोगों के लिए गांवों में आजीविका ज्ञान केंद्र बनाने पर जोर दिया ताकि उन्हें उनके फायदों के लिए बनाए गए आधुनिक उपकरणों की जानकारी वहीं मिल सके और उनका प्रयोग किया जा सके।

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