मार्गशीर्ष माह की अमावस्या 7 दिसंबर को है. मार्गशीर्ष महीने के कृष्ण पक्ष की अमावस्या को मार्गशीर्ष अमावस्या कहते हैं. इसे अगहन और पितृ अमावस्या भी कहा जाता है. अगहन महीने की अमावस्या का महत्व कार्तिक मास में पड़ने वाली अमावस्या से कम नहीं है. यह माह माता लक्ष्मी को बहुत प्रिय होता है इसलिए लक्ष्मी पूजन का विशेष महत्व होता है. ऐसी मान्यता है कि अगहन मास की अमावस्या पर लक्ष्मी पूजन और व्रत करने से पापों का नाश होता है.
मार्गशीर्ष अमावस्या का महत्व-
मार्गशीर्ष अमावस्या को पितरों की पूजा करने का विशेष दिन माना गया है. मान्यता के अनुसार इस दिन पूजन और व्रत से पितर प्रसन्न होते हैं और पितृ दोष दूर होता है.
मार्गशीर्ष अमावस्या का व्रत करने कुंडली के दोष दूर होते हैं.
इस अमावस्या को गंगा स्नान का विशेष महत्व होता है.
अगर किसी की कुण्डली में पितृ दोष हो, संतान हीन योग बन रहा हो, उनको यह उपवास जरूर रखना चाहिए.
अगहन माह में ही भगवान कृष्ण ने गीता का दिव्य ज्ञान दिया था, जिसके कारण से इस माह की अमावस्या तिथि को अत्यधिक लाभकारी और पुण्य फलदायी मानी जाती है. 6 दिसंबर- मार्गशीर्ष अमावस्या तिथि का आरंभ 12 बजकर 12 मिनट से 7 दिसंबर- मार्गशीर्ष अमावस्या तिथि का समापन- 12 बजकर 50 मिनट तक.