सुप्रीम कोर्ट ने धर्मशाला में एचपीसीए क्रिकेट स्टेडियम के लिए जमीन देने के मामले में कथित तौर पर अनियमितता बरतने पर भाजपा सांसद एवं एचपीसीए के पूर्व अध्यक्ष अनुराग ठाकुर और पूर्व सीएम प्रेम कुमार धूमल सहित अन्य के खिलाफ दर्ज मुकदमे को निरस्त करने का आदेश दिया है। न्यायमूर्ति एके सिकरी की अध्यक्षता वाली पीठ ने अनुराग एवं अन्य की ओर से दायर अपील को मंजूर करते हुए तत्काल प्रभाव से उनके खिलाफ दर्ज प्राथमिकी को निरस्त करने का आदेश दिया है।
इससे पहले इन सभी को हिमाचल हाईकोर्ट ने राहत देने से इनकार कर दिया था। मालूम हो कि वर्ष 2002 में धर्मशाला विजिलेंस ब्यूरो ने इस मामले में इन सभी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी। इसके तहत विशेष अदालत के समक्ष इन सभी पर धोखाधड़ी और आपराधिक षड्यंत्र के अलावा भ्रष्टाचार निरोधक कानून की विभिन्न धाराओं के तहत मुकदमा चल रहा था। इसके खिलाफ अनुराग समेत अन्य ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया, लेकिन 25 अप्रैल, 2014 को हाईकोर्ट ने प्राथमिकी निरस्त करने और विशेष अदालत के समक्ष लंबित आपराधिक मुकदमे की सुनवाई स्थगित करने से इनकार कर दिया। इसके बाद अनुराग सहित अन्य ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया।
इसके बाद राज्य सरकार ने इन सभी के खिलाफ मुकदमा वापस लेने का निर्णय लिया था। तब सुप्रीम कोर्ट ने अनुराग समेत अन्य से पूछा था कि इस मामले को राजनीतिक रूप से प्रेरित बताते हुए जब राज्य सरकार ने मुकदमा वापस लेने का निर्णय ले लिया है तो वे अपनी याचिका वापस क्यों नहीं ले लेते। आपको याचिका वापस लेने में क्या परेशानी है?
अनुराग ठाकुर सहित अन्य ने सुप्रीम कोर्ट के इस प्रस्ताव को ठुकराते हुए कहा था कि वे मेरिट के आधार पर मुकदमा लड़ना चाहते हैं। तब अनुराग के वकील पीएस पटवालिया ने कहा था कि वह चाहते हैं कि अदालत प्राथमिकी निरस्त करने का आदेश दे।
पटवालिया ने कहा था कि जब राज्य में कांग्रेस सरकार थी, तब अनुराग, धूमल और आठ आईएएस अधिकारियों पर मुकदमा दर्ज किया था। उस वक्त केंद्र सरकार ने आईएएस अधिकारियों के खिलाफ अभियोजन की अनुमति देने से इनकार कर दिया था। अनुराग की ओर से यह भी कहा गया था कि एफआईआर में भी ‘कांग्रेस की चार्जशीट’ का जिक्र है। साफ है कि एफआईआर राजनीति से प्रेरित है।सांसद अनुराग ठाकुर ने कहा कि जिस तरह से पूर्व कांग्रेस सरकार ने राजनीतिक द्वेष से झूठे मुकदमे दर्ज किए, उससे सरकार को ही नहीं, बल्कि हिमाचल प्रदेश क्रिकेट संघ को भी करोड़ों का नुकसान हुआ। जिस स्टेडियम के लिए सम्मानित किया जाना चाहिए था, सरकार ने उसके लिए समन भिजवाने और पीठ थपथपाने की जगह गला दबाने का काम किया। मुकदमों से प्रदेश और खिलाड़ियों को नुकसान पहुंचा। पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल ने कहा कि पूर्व कांग्रेस सरकार ने हमारे ऊपर झूठे केस बनाए थे, जिनमें से पांच मामले अब तक न्यायालय में रद्द हो चुके हैं। राजनीतिक और बदले की भावना से बनाए मुकदमे कोर्ट में गलत साबित हुए हैं।
ऐसा काम जिन्होंने किया, उन्हें सबक मिला होगा। धूमल ने कहा कि झूठे मुकदमे दर्ज करने से कुछ नहीं होता, हमेशा सच्चाई की जीत होती है, सत्यमेव जयते।सांसद अनुराग ठाकुर ने एचपीसीए मामले में दर्ज एफआईआर को खारिज करने पर सर्वोच्च न्यायालय का आभार जताया है। उन्होंने कहा कि सत्य परेशान हो सकता है, लेकिन पराजित नहीं हो सकता। धर्मशाला में क्रिकेट स्टेडियम का निर्माण हिमाचल के खिलाड़ियों और यहां खेल को बढ़ावा देने के लिए किया गया था। पूर्व की कांग्रेस सरकार ने हिमाचल और प्रदेश के युवाओं के विकास को रोकने की कोशिश की। जिस धर्मशाला स्टेडियम को दुनिया का सबसे ख़ूबसूरत स्टेडियम कहा जाता है उसे संवारने और अधिक सुविधाएं उपलब्ध कराने की बजाए पूर्व सरकार ने एक राजनीतिक मुद्दा बना लिया।