ऊना। बभौर साहिब सिंचाई परियोजना का पानी खेतों में जाने के बजाय सड़कों पर बह रहा है। नतीजतन खेती चौपट हो रही है। विभागीय लापरवाही के चलते भडोलियां गांव के एक किसान अमर सिंह की आलू की फसल का पूरा सीजन बरबाद हो गया है। अमर सिंह के अनुसार 15 कनाल भूमि में करीब 20 क्विंटल आलू का बीज बोया था। इस सब पर बीज, खाद मिलाकर उसका तकरीबन 50 हजार रुपया खर्च हुआ।
खेतों में सिंचाई का एक मात्र साधन बभौर साहिब सिंचाई परियोजना का पानी ही है, लेकिन एक भी बार पानी खेत तक नहीं पहुंचा। ऐसे में आलू की पूरी फसल झुलस गई। लमलेहड़ा निवासी किसान अमर सिंह ने कहा कि उसने भडोलियां में ठेके पर जमीन लेकर आलू बोया था। कई दफा विभाग के अफसरों को पानी देने की गुहार लगाई लेकिन, किसी ने गौर नहीं किया। आलू को पानी न मिलने के चलते उसे करीब ढाई लाख का नुकसान हो गया। आलू की झुलसी फसल में से उसके हाथ महज 35 सौ रुपये का आलू लगा।
क्षेत्र के किसानों दीदार सिंह, लक्ष्मण राम, जीत राम, हरभजन सिंह, गोपाल दास कर्मचंद समेत अन्य किसानों ने कहा कि मैहतपुर रेलवे रोड पर हजारों गैलन सिंचाई का पानी बेकार बह रहा है। जिसके चलते किसानों के खेत तो सूखे रह जाते हैं, लेकिन सिंचाई का यह पानी सड़कों को तर करने के काम जरूर आ रहा है। पानी के पाइप लीक होने के कारण ही सड़कें जल्दी टूट रही हैं। लोगों ने आईपीएच विभाग से लीकेज बंद करने की मांग की है। उधर, आईपीएच के सहायक अभियंता पीके चड्ढा ने कहा कि मामला उनके ध्यान में लाया गया है। जल्द ही लीकेज को बंद करवाया जाएगा।