मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने वन स्वीकृतियां प्राप्त करने में सुगमता के दृष्टिगत केन्द्र सरकार से हिमाचल प्रदेश को क्षेत्रीय कार्यालय देहरादून के बजाय क्षेत्रीय कार्यालय चंडीगढ़ के अंतर्गत लाने का आग्रह किया है।मुख्यमंत्री आज यहां पर्यावरण, केन्द्रीय वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ आयोजित बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। केन्द्रीय मंत्रालय के दल की अगुवाई वन महानिदेशक और विशेष सचिव सिद्धांत दास ने की। जय राम ठाकुर ने राज्य सरकार के पास निहित एक हेक्टेयर तक एफसीए मंजूरी के लिए अनुमोदन देने की सीमा बढ़ाने का भी आग्रह किया। उन्होंने कहा कि इस सीमा को दस हेक्टेयर तक बढ़ाया जाना चाहिए ताकि विकास की गति तेज हो सके।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में बन्दरों की समस्या विकराल रूप धारण कर चुकी है, जिसका सबसे ज्यादा नुकसान किसानों को उठाना पड़ रहा है। वर्तमान में बन्दरों को लगभग 38 तहसीलों और उप-तहसीलों में पीड़क जन्तु घोषित किया गया है परन्तु राज्य के अधिकतर हिस्सों में बन्दरों की समस्या जारी है। उन्होंने केन्द्र सरकार से प्रदेश की 53 और तहसीलों व उप-तहसीलों में बन्दरों को पीड़क जन्तु घोषित करने का आग्रह किया ताकि किसानों को बन्दरों के उत्पात से राहत मिल सके।
मुख्यमंत्री ने केन्द्रीय मंत्रालय से यह भी आग्रह किया कि रज्जू मार्गों की तारों के नीचे आने वाली भूमि को एफसीए से छूट दी जाए ताकि पर्यटकों और राज्य के लोगों को सुविधा मिल सके। अतिरिक्त मुख्य सचिव राम सुभग सिंह, मुख्यमंत्री के अतिरिक्त प्रधान सचिव संजय कुंडू, प्रधान मुख्य अरण्यपाल वन अजय कुमार व अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी इस अवसर पर उपस्थित थे।