गोकशी के शक में हिंसा भड़क गई थी, जिसमें एक पुलिस इंस्पेक्टर सहित दो लोगों की मौत हो गई थी. इस मामले में दो एफआईआर दर्ज करवाई गई थी. पहली एफआईआर गोकशी के मामले में करवाई गई थी, जिसमें सात लोगों पर आरोप लगाया गया था. दूसरी एफआईआर हिंसा और इंस्पेक्टर की हत्या के मामले में दर्ज की गई थी,
जिसमें बजरंग दल के नेता योगेश राज को मुख्य आरोपी बनाया गया था. गोकशी की एफआईआर हिंसा का मुख्य आरोपी योगेश राज ने करवाई थी. लेकिन गोकशी के मामले में पुलिस की ओर से की गई गिरफ्तारी पर कई सवाल पैदा हुए हैं. पुलिस ने इस मामले में दो ऐसे लोगों को अरेस्ट किया है, जिनका नाम एफआईआर में दर्ज है ही नहीं.
गोकशी के मामले में बुधवार सुबह पुलिस ने चार लोगों को गिरफ्तार किया. सरफुद्दीन का नाम एफआईआर में था, जो गारमेंट का काम करते हैं. सरफुद्दीन के परिवार का दावा है कि जिस दिन गांव में गोवंश के अवशेष मिले थे, उस दिन वह वहां से 40 किलोमीटर दूर इज्तिमा में थे. उनके भाई मोहम्मद हुसैन का कहना है, ‘वह उस दिन इज्तिमा में थे और उनकी पार्किंग में ड्यूटी लगी हुई थी. मेरे पास सबूत हैं कि वह उस दिन वहां नहीं था. उसकी जीपीएस लोकेशन ट्रैक की जा सकती है और यह जांचा जा सकता है कि वह महाव में उस दिन थे या नहीं