Home हिमाचल प्रदेश कौशल भत्ते में घोटाले की आशंका पर हाईकोर्ट ने तलब किया रिकॉर्ड

कौशल भत्ते में घोटाले की आशंका पर हाईकोर्ट ने तलब किया रिकॉर्ड

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हाईकोर्ट ने युवा बेरोजगारों को मिलने वाले कौशल विकास भत्ते में घोटाले की आशंका जताते हुए सरकार से उन सभी संस्थानों का रिकॉर्ड तलब किया है जो इस भत्ते को प्रशिक्षुओं में आवंटित करते हैं।

मुख्य न्यायाधीश सूर्यकांत व न्यायाधीश अजय मोहन गोयल की खंडपीठ ने इसे प्रथम दृष्टया विभिन्न शिक्षण संस्थानों की ओर से बेरोजगार युवाओं का प्रशिक्षण के नाम पर शोषण बताया। कोर्ट ने सभी लाभार्थियों व पीड़ित बेरोजगारों की सूची भी स्टेटस रिपोर्ट के माध्यम से कोर्ट के समक्ष रखने के आदेश दिए। कोर्ट ने उन सभी शिक्षण अथवा ट्रेनिंग संस्थानों का ब्योरा मांगा, जिन्हें सरकार हर महीने 1000 रुपये प्रति प्रशिक्षु कौशल भत्ता जारी करती है।

कोर्ट के समक्ष एक मामले के अनुसार सिरमौर जिला के संगड़ाह में पंजीकृत डीआईसीई एजूकेशन सोसायटी को कौशल विकास भत्ते में गड़बड़ी की आशंका के मद्देनजर रोजगार अधिकारी ने 6 अप्रैल 2018 को आदेश जारी कर ब्लैक लिस्ट कर दिया था।सोसायटी ने आरोप निराधार बता आदेश को निरस्त करने की मांग की है। प्रार्थी सोसायटी के अनुसार प्रशिक्षण सत्र 2017 -18 में उनके संस्थानों में 221 दाखिले हुए। अचानक सोसायटी चेयरमैन कुलदीप सिंह के खाते में बेरोजगारी भत्ते वाली राशि गलती से आनी शुरू हो गई।

इस वर्ष मार्च में इसकी शिकायत उसने अधिकारियों सहित पुलिस में भी की। अप्रैल में रोजगार कार्यालय के आदेश पर सोसायटी चेयरमैन ने 35000 रुपये वापस भी कर दिए, लेकिन इसे ब्लैक लिस्ट कैटेगरी से नहीं हटाया। कोर्ट ने आशंका जताते हुए कहा कि हो सकता है कौशल विकास भत्ते का लाभ पात्र बेरोजगार प्रशिक्षुओं को न मिल रहा हो। इसी आशंका पर कोर्ट ने याचिका को जनहित याचिका के तौर पर विस्तार देते हुए भत्ते से जुड़े सभी संस्थानों का ब्यौरा पेश करने के आदेश दिए। मामले पर सुनवाई 8 जनवरी को होगी।

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