मध्य प्रदेश की कमान संभालते ही मुख्यमंत्री कमलनाथ ने व्यापम घोटाले की जांच के आदेश दे दिए. शिवराज राज के दौरान प्रोफेशनल एग्जाम बोर्ड (पूर्व के व्यापम) द्वारा ली गई चतुर्थ समूह के असिस्टेंट ग्रेड तृतीय की परीक्षा में धांधली के आदेश दिए गए हैं.
बेरोजगार सेना के प्रमुख अक्षय हुंका ने मंगलवार को बताया कि जुलाई में हुई चतुर्थ समूह के असिस्टेंट ग्रेड तीन की परीक्षा संदेह के घेरे में है. परीक्षा के 10 टॉपर में से कई लोग पिछली परीक्षाओं में 40 प्रतिशत अंक भी प्राप्त नहीं कर सके थे और इस परीक्षा में उन्हें 95 प्रतिशत अंक प्राप्त हुए हैं. यह साफ तौर पर बड़े घोटाले की तरफ इशारा करता है.हुंका के अनुसार, इस घोटाले की जांच को लेकर युवाओं का एक प्रतिनिधिमंडल मुख्यमंत्री कमलनाथ से मिला. कमलनाथ ने इस परीक्षा की जांच कराने के आदेश दिए हैं.परीक्षार्थी इस घोटाले की एसआईटी जांच की मांग को लेकर मंगलवार सुबह चिनार पार्क में बड़ी संख्या में एकत्र हुए. उन्होंने कहा कि अगर चतुर्थ समूह परीक्षा के सभी चयनित अभ्यर्थियों की जानकारी सार्वजनिक की जाए तो सैकड़ों मामले सामने आएंगे.
बता दें कि 28 से 31 जुलाई तक आयोजित हुई इस परीक्षा में 2700 पदों के लिए लगभग 1,40,000 परीक्षार्थी शामिल हुए थे. यह परीक्षा शुरू से ही विवादों में रही है. इस परीक्षा में सर्वर खराब होने की शिकायत की बाद लगभग 250 लोगों ने 45 दिन बाद दोबारा परीक्षा दी थी. 12 दिसंबर को इसका परिणाम आया, जिसमें भारी गड़बड़ी हुई है. 10 टॉपरों में छह ऐसे हैं, जिनके पिछली परीक्षाओं में 50 प्रतिशत नंबर भी नहीं आए थे, इस बार उनके 95 प्रतिशत तक अंक आए हैं.मुख्यमंत्री कमलनाथ को ज्ञापन सौंपने गए प्रतिनिधिमंडल में बेरोजगार सेना के प्रमुख अक्षय हुंका के अलावा कांग्रेस विधायक कुणाल चौधरी और अन्य छात्र भी थे. कमलनाथ ने युवाओं की बात सुनी और जांच के आदेश दिए.