Home धर्म/ज्योतिष गंगा नदी की इतनी महिमा क्यों है और क्या है धार्मिक महत्व….

गंगा नदी की इतनी महिमा क्यों है और क्या है धार्मिक महत्व….

6
0
SHARE

गंगा नदी अपने विशेष जल और इसके विशेष गुण के कारण मूल्यवान मानी जाती है. इसका जल अपनी शुद्धता और पवित्रता को लम्बे समय तक बनाये रखता है. माना जाता है कि गंगा का जन्म भगवान् विष्णु के पैरों से हुआ था. साथ ही यह शिव जी की जटाओं में निवास करती हैं. गंगा स्नान , पूजन और दर्शन करने से पापों का नाश होता है, व्याधियों से मुक्ति होती है. जो तीर्थ गंगा किनारे बसे हुए हैं, वे अन्य की तुलना में ज्यादा पवित्र माने जाते हैं.

गंगा का वैज्ञानिक महत्व क्या है?

गंगा नदी का जल वर्षों प्रयोग करने पर और रखने पर भी ख़राब नहीं होता है. इसके जल के नियमित प्रयोग से रोग दूर होते हैं. हालांकि इन गुणों के पीछे का कारण अभी बहुत हद तक अज्ञात है. कुछ लोग इसे चमत्कार कहते हैं और कुछ लोग इसे जड़ी-बूटियों और आयुर्वेद से जोड़ते हैं. विज्ञान भी इसके दैवीय गुणों को स्वीकार करता है. अध्यात्मिक जगत में इसको सकारात्मक उर्जा का चमत्कार कह सकते हैं.

गंगा जल से किस प्रकार विशेष प्रयोग करें ताकि स्वास्थ्य और लम्बी आयु का वरदान मिले?

हर सोमवार को शिव लिंग पर गंगा जल अर्पित करें

जल अर्पित करते समय या तो महामृत्युंजय मंत्र पढ़ते रहें

या “ॐ नमः शिवाय” का जाप करते रहें

शिव जी से आयु रक्षा और उत्तम स्वास्थ्य की प्रार्थना करें

गलतियों के प्रायश्चित के लिए किस प्रकार गंगाजल का प्रयोग करें?

वस्त्र धारण करके ही गंगाजल से या गंगा नदी में स्नान करें

कम से कम तीन बार डुबकी लगायें

बाहर निकल कर पुराने वस्त्र वहीँ छोड़ दें

नवीन वस्त्र धारण करें , गलतियों के लिए क्षमा याचना करें

अन्न या फल का दान करें

मनी मन्त्र

अगर घर का ज्यादा धन बीमारियों में खर्च होता हो तो

कुछ धन का दान अस्पताल में जरूर किया करें

महाभाग्य का महाउपाय

बृहस्पतिवार के दिन गंगाजल मिलाकर पंचामृत बनायें

भगवान कृष्ण को उससे स्नान करवाएं

फिर उसे प्रसाद के रूप में सभी लोग ग्रहण करें

घर में शुभता और समृद्धि आएगी

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here