प्रदेश की खुफिया एजेंसी सीआईडी चिट्टा तस्करोें के फोन टैप कर रही है। नशे के इन सौदागरों की कॉल्स सीआईडी मुख्यालय के लिए डायवर्ट की जा रही हैं और तमाम वार्तालाप सुना जा रहा है। मुख्य सचिव बीके अग्रवाल की अध्यक्षता में बुधवार को इंटरसेप्शन कमेटी की बैठक हुई।
इसमें गृह सचिव की तमाम इंटरसेप्शन मंजूरियों पर चर्चा की गई। अग्रवाल की अध्यक्षता में हुई टेलीफोन इंटरसेप्शन कमेटी की बैठक में विधि सचिव और एक अन्य प्रशासनिक सचिव मौजूद रहे। उन्होंने पिछले तीन महीने में इंटरसेप्ट किए गए टेलीफोन नंबरों की डिटेल मंगवाई। इस पर चर्चा हुई। इस गोपनीय बैठक में गृह सचिव भाग नहीं लेते चूंकि उनकी ओर से फोन इंटरसेप्शन की मंजूरियों की वैधता जांची जाती है। बुधवार को चर्चा हुई कि किस-किस के फोन इंटरसेप्ट किए गए या टैप किए गए।
अग्रवाल ने माना कि अपराधियों पर निगरानी रखने के लिए टेलीफोन इंटरसेप्शन किया जाता है। जाहिर है, इनमें चिट्टा तस्कर भी शामिल रहे हैं। कितने लोगों के फोन इंटरसेप्ट किए गए, इसे सार्वजनिक नहीं किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि अब तक सारी मंजूरियां नियमानुसार ही दी गई हैं। क्या राजनेताओं के फोन भी टैप किए गए हैं? इसके जवाब में मुख्य सचिव बोले – नेताओं के फोन इंटरसेप्ट नहीं होते हैं। यह व्यवस्था केवल अपराधियों के खिलाफ ही है।फोन टैपिंग मामला पहले काफी विवादित रह चुका है।