तंबाकू दुनिया भर में ओरल कैंसर की बड़ी वजह है. इससे कई नुकसान होते हैं लेकिन फिर भी लोग इसे खाने से बाज़ नहीं आते. भारत में पुरुषों के लिए इस प्रकार का कैंसर सबसे बड़ा खतरा बनता जा रहा है. आपने सुना ही होगा 18 साल के मुकेश को जब ओरल कैंसर होने का पता चला तब तक काफी देर हो चुकी थी और वह इस रोग की चौथी अवस्था में पहुंच चुके थे. उन्हें रेडिएशन थेरेपी दी गई तथा ऊपरी जबड़ा भी निकालना पड़ा क्योंकि उनका कैंसर काफी फैल चुका था.
वहीं बता दें, मुकेश के मामले में तंबाकू के मामूली सेवन के साथ जो शुरुआत हुई थी वह धीरे धीरे इस हद तक बढ़ गया कि उसकी ओरल कैविटी में अल्सर पनपने लगे. इसके बारे में आपको जानकारी नहीं होगी कि इससे मुकेश की तकलीफ बढ़ गई थी और कई बार इन घावों से रक्तस्राव भी होने लगा था. तब मुकेश ने अपनी इस आदत से छुटकारा पाने का मन बनाया लेकिन इससे कुछ फायदा नहीं हुआ क्योंकि तब तक काफी नुकसान हो चुका था. जानकारी दे दें कि ओरल कैंसर के अधिकांश मामलों में यही होता है. अक्सर भूख का अहसास मिटाने के लिए तंबाकू चबाने की आदत पड़ जाती है और कई बार लोगों को इसका स्वाद भी पसंद आ जाता है जो जल्द ही लत बन जाती है.
वहीं इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च के नेशनल कैंसर रजिस्ट्री प्रोग्राम (एनसीआरपी) के डेटा के अनुसार, 2017 में भारत के चार बीमारू राज्यों-बिहार, मध्य प्रदेश, राजस्थान और उत्तर प्रदेश में ओरल कैंसर के 15.17 लाख मामले सामने आए. उत्तर प्रदेश में सर्वाधिक 12.5 लाख मामले दर्ज किए गए हैं.