ऊना। अखिल भारतीय बैंक अधिकारी संघ के आह्वान पर शुक्रवार को राष्ट्रीयकृत बैंकों के कर्मचारी हड़ताल पर रहे। इससे बैंकों में कामकाज ठप रहा। ग्राहकों को पैसे की लेन-देन न होने से परेशान होना पड़ा।
हड़ताल बैंक ऑफिसर्स के वेतन संशोधन से संबंधित मुद्दों, बैंकिंग में बड़ौदा, विजया बैंक और देना बैंक के प्रस्तावित विलय, क्षेत्रीय-ग्रामीण बैंकों के विलय, सेवारत अधिकारियों और सेवानिवृत्त लोगों से संबंधित कई अन्य मुद्दों को लेकर किया है। भारतीय स्टेट बैंक अधिकारी संघ के शिमला मॉड्यूल के महासचिव अंजन केशव, सचिव अंजनी शर्मा, पीएनबी यूनियन के अध्यक्ष डीके संधू, सचिव मुकेश दुरेजा ने बताया कि दिल्ली में केंद्रीय श्रम आयुक्त के साथ अधिकारियों द्वारा उठाए जा रहे मसलों पर 19 माह से सुलह के प्रयास किए जा रहे थे। वीरवार को आईबीए के प्रतिकूल दृष्टिकोण के कारण उनका हल नहीं किया जा सका।
उन्होंने कहा कि एआईबीओसी बैंक ऑफ बड़ौदा, विजया बैंक और देना बैंक को मर्ज करने के सरकारी प्रस्ताव का जोरदार विरोध करता है क्योंकि यह उपाय मर्ज की गई इकाई को एनपीए मेनस समेत अपनी किसी भी समस्या से निपटने में मदद नहीं करेगा। एसबीआई का सहयोगी बैंकों के साथ विलय इसका बड़ा उदाहरण है, जो एक वित्तीय आपदा थी।
विलय वाली इकाई लगातार तीन तिमाहियों के लिए भारी हानि वहन करती थी। विलय के कारण उत्पन्न होने वाली कई समस्याओं को भी सहन करना पड़ा। एआईबीओसी ने क्षेत्रीय व ग्रामीण बैंकों के विलय के योजनाबद्ध कदम का भी विरोध किया है। यह एक ऐसा कदम है जो अनिवार्य रूप से ब्रांच बंद कर देगा, कई लोगों की रोजीरोटी को नुकसान करेगा, ग्रामीण कारीगरों, कई किसानों को बैंकिंग सेवाओं से वंचित कर देगा। यह कदम क्षेत्रीय व ग्रामीण बैंक बनाने के उद्देश्य के भी खिलाफ है।
उन्होंने अधिकारियों के चिकित्सा लाभों में एकतरफा कटौती का विरोध किया। वहीं नई पेंशन योजना वापस लेने की मांग भी की। इस मौके पर विभिन्न बैंकों के अधिकारी भी हड़ताल में शामिल हुए।