Home हिमाचल प्रदेश स्कूलों से शिक्षकों के गायब रहने पर निदेशकों से जवाब तलब…

स्कूलों से शिक्षकों के गायब रहने पर निदेशकों से जवाब तलब…

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हिमाचल हाईकोर्ट ने शिक्षा विभाग से सरकारी स्कूलों में बिना अनुमति गैरहाजिर रहने वाले शिक्षकों पर नजर रखने की व्यवस्था की जानकारी मांगी है। हाईकोर्ट ने उच्च और प्राथमिक शिक्षा निदेशकों से पूछा है कि स्कूलों में ऐसे शिक्षकों की अनुपस्थिति पर नजर रखने के लिए कोई कारगर प्रणाली बनाई गई है या नहीं। कोर्ट ने दोनों शिक्षा निदेशकों से इस बारे में दो सप्ताह में शपथ पत्र मांगा है।

न्यायाधीश धर्म चंद चौधरी और न्यायाधीश सीबी बारोवालिया की खंडपीठ ने शुक्रवार को शिक्षा निदेशकों को यह बताने को भी कहा कि क्या शिक्षक आपातकाल में छुट्टी पर जाने से पहले आवेदन या कोई जानकारी विभाग को देते हैं, जिसका स्कूल रिकॉर्ड में भी उल्लेख हो। मामले के अनुसार वाणिज्य विषय की प्रवक्ता प्रार्थी बबिता ठाकुर वर्ष 2004 में राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल पाहल जिला शिमला में तैनात थी।18 नवंबर, 2004 को शिक्षा उपनिदेशक ने अचानक स्कूल का निरीक्षण किया, जिसमें 20 में से 13 शिक्षक गायब पाए गए। कारण बताओ नोटिस के जवाब में प्रार्थी ने बताया कि उसकी घर पर नौकरानी न आने के कारण उसे अपने दो साल के बच्चे की देखरेख के लिए उस दिन घर पर रहना पड़ा। इस जवाब से विभाग संतुष्ट नहीं हुआ और प्रार्थी की अनुपस्थिति के उक्त कार्यकाल को उसकी सेवा से हटाने के आदेश जारी कर दिए। प्रार्थी ने इन आदेशों को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी।

सिंगल जज ने प्रार्थी की याचिका को खारिज करते हुए कहा था कि शिक्षा का अधिकार मौलिक अधिकार है। नौकरानी का छुट्टी पर जाना स्कूल से अनुपस्थित रहने का कोई उचित कारण नहीं है। प्रार्थी ने सिंगल बेंच के फैसले को डिवीजन बेंच के समक्ष चुनौती दी थी।डिवीजन बेंच ने भी प्रार्थी की अपील को खारिज करते हुए जनहित में शिक्षा विभाग से शिक्षकों की छुट्टियों से जुड़ी जरूरी प्रक्रियाओं पर स्पष्टीकरण मांग लिया। मामले में अगली सुनवाई 7 जनवरी को होगी। हाईकोर्ट ने मामले पर सुनवाई के दौरान पाया कि प्रदेश के स्कूलों से खासकर ग्रामीण इलाकों में शिक्षक बिना अनुमति स्कूल से गायब रहते हैं, देरी से आते हैं या फिर जल्दी चले जाते हैं। इससे विद्यार्थियों की पढ़ाई बाधित होती है। कोर्ट ने यह भी पाया कि विभाग ने ऐसी कोई प्रणाली तैयार नहीं की, जिससे स्कूलों की इंस्पेक्शन समय-समय पर हो।

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