ऊना। जिले में सर्दी का प्रकोप बढ़ गया है। ऊना में न्यूनतम तापमान लुढ़क कर शून्य डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है। खेत-खलिहानों में कोहरे की सफेद चादर छाने लगी है। सर्दी का प्रकोप छोटे बच्चों और बुजुर्गों सहित पशु पक्षियों पर भी प्रतिकूल असर डालने लगा है।
ठंड इतनी बढ़ गई है कि सुबह लोग बिस्तर से उठने से भी कतरा रहे हैं। भयंकर सर्दी को जहां सेहत के लिए हानिकारक माना जा रहा है, वहीं फसलों के लिए भी इसके नुकसानदेय होने की आशंका जताई जा रही है। बीते दिनों जहां ऊना का न्यूनतम तापमान 2 डिग्री सेल्सियस तक जा पहुंचा था, वहीं वीरवार को यह 0 डिग्री सेल्सियस तक लुढ़क आया। ठंड के बढ़ने से सर्दी जनित रोगों, बुखार, खांसी, जुकाम, इंफेक्शन आदि के मामले भी बढ़ने लगे हैं। इसके चलते सरकारी सहित निजी स्वास्थ्य संस्थानों में लोगों की कतारें लगी रहती हैं। ठंड से बचने के लिए लोगों आग के अलाव का सहारा लेने को मजबूर हैं।
वहीं सतीश कुमार, करण, तेजपाल, महेश कु मार, गौरव, अनिल कुमार, विनोद कुमार और सौरव का कहना है कि इन दिनों ग्रामीण क्षेत्रों में कोहरा पड़ने से सुबह सवेरे स्कूल जाने वाले बच्चों तथा व्यवसायियों को भी भारी मुश्किल हो रही है। उन्होंने कहा कि ठंड का सामना करना इतना मुश्किल होता है कि घर से निकलने के लिए बहुत हिम्मत जुटानी पड़ती है। सुबह के समय चारों ओर सफेद चार जमी होती है। खेतों में सब्जियों पर भी सफेद चादर पड़ी होती है। मौसम विभाग की मानें तो निकट भविष्य में ठंड से निजात मिलने के आसार बेहद कम हैं। उन्होंने आने वाले दिनों में पारे में और गिरावट दर्ज किए जाने की संभावना भी जताई है।
कोहरे से खेतों में हरी सब्जियां भी मुरझाने लगी है। इससे किसानों को नुकसान हो रहा है। इन दिनों खेतों में साग, पालक, मूली, गाजर, टमाटर, गोभी और शलगम आदि तैयार हैं। इन सब्जियों पर कोहरे का प्रतिकूल असर होना शुरू हो गया है।