मेघालय के जयंतिया हिल्स स्थित कोयला खदान में 13 दिसम्बर से फंसे 15 खनिकों (खदान में फंसे मजदूर) को बचाने में आज भारतीय नौसेना भी शामिल हो गई. राहत बचाव कार्य में एनडीआरएफ की टीम कई दिनों से जुटी है. लेकिन उसे कोई खास सफलता नहीं मिली है. आज एनडीआरएफ की टीम ने टूटे-फूटे हालत में तीन हेलमेट बरामद किए. अंदेशा है कि ये हेलमेट लापता मजदूरों के हो सकते हैं.
नौसेना जवान डाइविंग उपकरण से लैस हैं, जिसमें पानी के भीतर खोज करने में रिमोट संचालित वाहन शामिल हैं. पंप निर्माता कंपनी किर्लोस्कर बदर्स लिमिटेड और कोल इंडिया ने कोयला खदान के लिये 18 हाई पावर पंप रवाना किये हैं, जहां 15 खनिक फंसे हुए हैं.
मुख्यमंत्री कोनराड के. संगमा ने कोयला खदान मुद्दे पर नई दिल्ली में गुरुवार को केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात की थी. इससे पहले कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर इसी बनाने निशाना साधा था.
उन्होंने ट्वीट कर कहा था, ‘पानी से भरी कोयले की खदान में पिछले दो हफ्ते से 15 खनिक (खदान में काम करने वाले मजदूर) सांस लेने के लिए संघर्ष कर रहे हैं. इस बीच, प्रधानमंत्री बोगीबील सेतु पर कैमरों के सामने पोज देते हुए अकड़कर चलने के लिए चल रहे थे. उनकी सरकार ने बचाव के लिए हाई प्रेशर वाले पंपों की व्यवस्था करने से इनकार कर दिया.’’ राहुल ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री जी, कृपया खनिकों को बचाइए.’’
स्थानीय लोगों के अनुसार एक खननकर्मी ने दुर्घटनावश गुफा की दीवार में छेद कर दिया होगा जिससे नदी का पानी अंदर घुस आया होगा. पांच लोग किसी तरह खदान से बाहर निकल आए जबकि शेष मजदूर खदान में ही फंसे रह गए. उन्होंने बताया कि खदान में फंसे 15 मजदूरों में से सात वेस्ट गारो हिल्स जिले के, असम के पांच और तीन लोग लुमथरी गांव से थे.