हिंदी बेल्ट के 3 राज्यों में मिली करारी हार के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहली बार अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी के दौरे पर हैं. वाराणसी से पहले प्रधानमंत्री मोदी ने गाजीपुर की यात्रा की जहां पर उन्होंने महाराजा सुहेलदेव पर एक डाक टिकट जारी किया. इससे पहले उन्होंने एक मेडिकल कालेज की आधारशिला भी रखी.
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘उत्तर प्रदेश में मेरे आज के प्रवास के दौरान, पूर्वांचल को देश का एक बड़ा मेडिकल हब बनाने, कृषि से जुड़े शोध का महत्वपूर्ण सेंटर बनाने और यूपी के लघु उद्योगों को मजबूत करने की दिशा में अनेक महत्वपूर्ण कदम उठाए जाएंगे.’
आरटीआई मैदान पर जनसभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि लोग कहते हैं कि जब महाराज सुहेलदेव का राज था तो घरों में ताला लगाने की जरुरत नहीं पड़ती थी. उन्होंने अपने शासनकाल में कई लोककल्याणकारी कार्य किए. वह लोगों के बेहद चहेते थे. वह सबको साथ लेकर चलते थे. वह सबके थे.
प्रधानमंत्री मोदी की गाजीपुर यात्रा बेहद अहम है क्योंकि उनकी कोशिश यहां के राजभर-पासी वोटों को साधने की है. हालांकि उनकी इस यात्रा का स्थानीय सहयोगी दल विरोध कर रहे हैं. राज्य सरकार में सहयोगी सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी ने उनके कार्यक्रम में शामिल नहीं होने का ऐलान किया है. राज्य की योगी आदित्यनाथ सरकार में वरिष्ठ मंत्री और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर पहले ही ऐलान कर चुके हैं कि वह प्रधानमंत्री मोदी के कार्यक्रम में शामिल नहीं होंगे. ओम प्रकाश राजभर इस बात से नाराज हैं कि डाक टिकट पर महाराजा सुहेलदेव राजभर का पूरा नाम अंकित नहीं है.
बीजेपी को उसकी एक अन्य सहयोगी पार्टी अपना दल (एस) से भी विरोध का सामना करना पड़ रहा है. अपना दल (एस) के अध्यक्ष आशीष पटेल ने मिर्जापुर में एक संवाददाता सम्मेलन में आरोप लगाया था कि एनडीए के बडे़ घटक बीजेपी की ओर से छोटे दल अनदेखी महसूस कर रहे हैं. उत्तर प्रदेश की 80 लोकसभा सीटों में से अपना दल (एस) की 15 से अधिक सीटों पर उपस्थिति है. कुर्मी और पटेल उसके प्रमुख वोटर हैं और उनमें से लगभग एक लाख केवल प्रधानमंत्री के निर्वाचन क्षेत्र में ही हैं.
इसके बाद प्रधानमंत्री मोदी वाराणसी जाएंगे और यह पिछले दो महीने में अपने निर्वाचन क्षेत्र में उनकी दूसरी यात्रा होगी. मोदी की वाराणसी यात्रा इस लिहाज से भी अहम है क्योंकि यहां 21 जनवरी से प्रवासी भारतीय दिवस होना है, जिसकी तैयारियां अपने अंतिम चरण में है.
वाराणसी में प्रधानमंत्री ‘राष्ट्रीय बीज अनुसंधान एवं प्रशिक्षण केंद्र’ के परिसर में ‘अंतरराष्ट्रीय चावल अनुसंधान संस्थान’ और ‘दक्षिण एशिया क्षेत्रीय केंद्र’ को राष्ट्र को समर्पित करेंगे. यह चावल अनुसंधान संस्थान साउथ एशिया और सार्क देशों में चावल के अनुसंधान और प्रशिक्षण का अहम केंद्र बनेगा. मोदी पिछले साल नवंबर में अंतरराष्ट्रीय चावल अनुसंधान संस्थान के फिलीपींस स्थित मुख्यालय गए थे.
इसके अलावा प्रधानमंत्री मोदी दीनदयाल हस्तकला संकुल में ‘वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट’ क्षेत्रीय शिखर सम्मेलन में भी हिस्सा लेंगे. दिल्ली रवाना होने से पहले वह बुनकरों और हस्तशिल्पियों से मुलाकात करेंगे. इससे पहले वह 12 नवंबर को वाराणसी आए थे. तब उन्होंने कई परियोजनाओं की शुरुआत करने के बाद जनसभा को संबोधित भी किया था.