लोकसभा चुनावों से पहले मोदी सरकार ने अपने मास्टरस्ट्रोक के तहत आर्थिक तौर पर कमजोर सवर्णों को सरकारी नौकरियों में 10 फीसदी आरक्षण देने का फ़ैसला किया है. लोकसभा में पास होने के बाद आज राज्यसभा में आरक्षण बिल पेश किया जाएगा. राज्यसभा में मोदी सरकार की अग्नि परीक्षा होगी, मगर सूत्रों की मानें तो विपक्ष इस बिल पर ज्यादा विरोध नहीं करेगा. हालांकि, विपक्ष की यह कोशिश होगी कि इस बिल का विरोध कर इसे समिति के पास भेज दे. राज्यसभा में मोदी सरकार का लिटमस टेस्ट इसलिए भी है क्योंकि यहां सरकार के पास बहुमत नहीं है..
लेकिन सरकार को भरोसा है कि लोकसभा की तरह वहां भी उसे बिल को लेकर परेशानी नहीं होगी. बता दें कि सामान्य वर्ग में आर्थिक रूप से पिछड़े लोगों को नौकरियों और शिक्षा में 10 फीसदी आरक्षण का बिल लोकसभा में पास हो गया. लगभग पांच घंटे की चर्चा के बाद ये बिल पास हुआ. लोकसभा में 323 वोट बिल के समर्थन में पड़े थे और विरोध में महज़ 3. आज ये बिल राज्यसभा में पेश किया जाएगा. राज्यसभा में आज दोपहर 2 बजे इस बिल पर चर्चा होगी. राज्यसभा में आज राफेल के मुद्दे पर भी बहस की उम्मीद है.
राज्य सभा में अरुण जेटली ने कहा कि देश को उम्मीद है कि सदन चलेगा. सामान्य कामकाजी दिनों के अनुसार, हमें काम करना चाहिए था, उनमें से अधिकांश दिनों में सदन स्थगित हो गया. विधानों पर विचार करने के लिए एक अतिरिक्त दिन रखा गया है. राज्यसभा में संसदीय मामलों के मंत्री विजय गोयल ने कहा कि सरकार चाहती है कि सरकार सदन के कामकाज को एक दिन और बढ़ाना चाहती है क्योंकि इसमें महत्वपूर्ण विधेयक पारित होने हैं. कांग्रेस ने सदन की कार्यवाही एक दिन के लिए बढ़ाए जाने के फैसले का विरोध किया. कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने राज्यसभा में कहा, “जिस तरह सदन की कार्यवाही को विपक्षी पार्टियों की सहमति के बिना बढ़ाया गया, वह सही नहीं है… अब स्थिति ऐसी है कि सरकार और विपक्ष के बीच संवाद होता ही नहीं है… अगर सदन नहीं चल पा रहा है, तो उसके लिए सबसे ज़्यादा ज़िम्मेदारी सरकार की है…