सूर्य मकर राशि में 14 जनवरी को शाम को प्रवेश कर रहे हैं. सूर्योदय के अनुसार सूर्य 15 जनवरी को प्रातः मकर राशि में होंगे. उदया तिथि के अनुसार मकर संक्रांति 15 को ही मनाना अच्छा होगा. हालांकि पुण्यकाल 14 जनवरी को शाम को शुरू हो जाएगा. स्नान, 14 तारीख को शाम को भी किया जा सकता है और 15 तारिख को दिन भर स्नान और दान किया जा सकता है.
इस बार की मकर संक्रांति पर ग्रहों का क्या विशेष संयोग होगा?
इस बार की मकर संक्रांति पर शुक्र और बृहस्पति का सम्बन्ध होगा.
साथ ही चन्द्रमा और सूर्य का केंद्रीय सम्बन्ध भी होगा.
शनि भी बृहस्पति की राशि में विद्यमान रहेंगे.
अगर इस दिन स्नान, दान और ध्यान किया जाय तो विशेष लाभ हो सकता है.
इस बार अगर विशेष प्रयोग किए जाएं तो कुंडली के दुर्योगों से निजात मिल सकती है.
सामान्य रूप से मकर संक्रांति को क्या करें?
प्रातःकाल स्नान करें, सूर्य को अर्घ्य दें.
श्रीमदभागवद के एक अध्याय का पाठ करें या गीता का पाठ करें.
नए अन्न, कम्बल, तिल और घी का दान करें.
भोजन में नए अन्न की खिचड़ी बनाएं.
भोजन भगवान को समर्पित करके प्रसाद रूप से ग्रहण करें.
मकर संक्रांति पर दान के नियम और लाभ क्या हैं?
मकर संक्रांति पर किया हुआ दान अक्षय फलदायी होता है.
प्रातःकाल स्नान करके, सूर्य को जल दें.
फिर पूजा उपासना करें.
इसके बाद अन्न का, घी का, और वस्त्र का दान करें.
चावल, दाल, सब्जी, नमक और घी यानि खिचड़ी का दान सर्वोत्तम होता है.
इस दिन शनि देव के लिए प्रकाश का दान करना भी बहुत शुभ होता है