ज्योतिष के कई महाशुभ योग माने गए हैं. इन 5 शुभ महायोगों में हंस योग, शश योग, मालव्य योग, रूचक योग और भद्र योग शामिल है. बृहस्पति जब कर्क, धनु या मीन राशी में हो तो “हंस” नामक योग बनता है. इससे व्यक्ति तपस्वी, विद्वान और ज्ञानी होता है. ऐसे लोगों को बिना प्रयास के नाम यश और सम्मान मिलता है. ऐसे लोग राजनीति, कानून और शिक्षा क्षेत्र में खूब सफल होते हैं. ऐसे लोगों को हमेशा खाने की आदत और अहंकार में सुधार करना चाहिए.
शश योग
शनि अगर तुला, मकर या कुम्भ राशी में तो “शश” नामक योग बनताहै
इससे व्यक्ति शासक तथा नेतृत्व वाला होता है
ऐसे लोग बड़ी छोटी सी जगह से सर्वोच्च जगह तक पंहुच जाते हैं
इनकी मेहनत करने की और समय पहचानने की क्षमता अद्भुत होतीहै
इनको नशे और व्यसन से बचना चाहिए , अन्यथा योग निष्फल होजाता है
मालव्य योग
शुक्र अगर मीन,वृष अथवा तुला राशी में हो तो “मालव्य” नामक योगबनता है
इससे व्यक्ति को अपार वैभव और विलास मिलता है
व्यक्ति को ग्लैमर , सुख समृद्धि , धन और आकर्षण प्राप्त होता है
ऐसे लोग फ़िल्म , मीडिया , कला , सौंदर्य या चिकित्सा के क्षेत्र में होतेहैं
इनको विलास और धन की बर्बादी से बचना चाहिए
रूचक योग
मंगल के मकर,मेष या वृश्चिक राशी में होने पर “रूचक” नामक योगबनता है
यह योग व्यक्ति को अदम्य साहसी तथा पराक्रमी बनाता है.
ऐसे लोगों को भूमि संपत्ति और शक्ति का सुख खूब मिलता है
ऐसे लोग आम तौर पर प्रशासन , सेना , पुलिस अथवा सर्जरी के क्षेत्र में होते हैं
इन्हे अपने क्रोध और हिंसात्मक वृत्ति पर नियंत्रण रखना चाहिए
भद्र योग
बुध जब कन्या या मिथुन राशी में हो तब “भद्र” योग बनता है
इससे व्यक्ति धनवान और अत्यंत बुद्धिमान बनता है
इससे व्यक्ति को खूबसूरती , वाणी , बुद्धि और चतुराई का वरदान मिलता है
भद्र योग वाले वाले व्यक्ति वाणी के क्षेत्र में और अभिव्यक्ति के क्षेत्र में पाये जाते हैं
इस योग वाले लोग आर्थिक क्षेत्रों में भी उच्च पदों पर पाये जाते हैं
इन लोगों को अपनी बुद्धि का दुरुपयोग नहीं करना चाहिए