इस्तीफा देने के बाद आहूजा ने कहा कि यह तो अपेक्षित था जिसका मुझे क्षोभ नहीं है. लेकिन राष्ट्रीय स्तर के विवि की वर्तमान स्थिति और सुदूर क्षेत्रों से पढ़ने आए विद्यार्थियों में जा रहे नकारात्मक संदेश के लिए दुख जरूर है. 40 साल से जनसंचार क्षेत्र में रहा हूं. पत्रकारिता, जनसंपर्क और अकादमिक क्षेत्रों में कार्य करने का संतोष है. विवि में मेरा जो दायित्व रहा उसे मैंने यथासंभव पूरी क्षमता और निष्ठा के साथ पूरा किया.
रेक्टर आहूजा को जिस दिन भत्ते को बैकडेट से देने का आदेश जारी किया गया उसी दिन शासन ने जनसंपर्क सचिव नरहरि को कुलपति का प्रभार सौंप दिया था. लेकिन कार्रवाई उनके संज्ञान में नहीं लाई गई. ज्वाइिनंग के बाद यह बात नरहरि के संज्ञान में आई तो उन्होंने इसे निरस्त करने के निर्देश दिए थे.
पत्रकारिता विवि के कुलपति पी. नरहरि ने बताया कि रेक्टर आहूजा के इस्तीफे को मुख्यमंत्री के समक्ष पेश किया जाएगा. महापरिषद के अध्यक्ष होने के नाते इस संबंध में निर्णय लेने का अधिकार मुख्यमंत्री को ही है. एक आदेश निरस्त किया गया है