राज्य में विभिन्न क्रियान्वयन एजेंसियों द्वारा क्रियान्वित की जा रही विभिन्न अवसंरचनात्मक विकास परियोजनाओं के समयबद्ध तथा गुणात्मक निर्माण के लिए निर्माणाधीन परियोजनाओं की प्रभावी और नियमित निगरानी अत्यावश्यक है। मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने यह बात विभिन्न विकासात्मक परियोजनाओं की शीघ्र स्वीकृतियों और अनुमोदन के लिए ‘हिम प्रगति’ पोर्टल की प्रगति की समीक्षा करते हुए कही। हिम प्रगति एक ऑनलाइन अनुश्रवण प्रणाली है जिसे राज्य सरकार ने पिछले वर्ष अक्तूबर माह के दौरान शुरू किया था।
नई प्रणाली के अन्तर्गत सभी निर्माणाधीन परियोजनाओं की निगरानी की जा रही है और संबंधित अधिकारियों से विभिन्न स्वीकृतियां तथा अनापत्ति प्रमाण पत्र प्राप्त करने में आ रहीं कठिनाईयों के बारे में निवेशकों द्वारा मुख्यमंत्री को अवगत करवाया जा रहा है। मुख्यमंत्री के साथ बैठक में इन सभी समस्याओें का समाधान किया जाता है जहां मुख्यमंत्री संबंधित विभागों को समयबद्ध अनुमोदन तथा स्वीकृतियां देने के लिए निर्देश जारी करते हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में निवेश करने वाले उद्यमियों की सुविधा तथा उनसे सीधा संवाद सुनिश्चित करने के लिए ये सभी पहल की गई हैं। मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया कि उद्यमियों द्वारा उठाए गए सभी मुद्दों का समाधान और निगरानी नियमित तौर पर की जाएगी तथा पूरी प्रणाली ऑनलाइन है। उन्होंने कहा कि प्रयास किए जाएंगे कि उद्यमियों द्वारा उठाया गया एक भी मुद्दा न छुटे। उन्होंने उम्मीद जताई कि राज्य स्तरीय कमेटी द्वारा की गई इस प्रकार की परोक्ष निगरानी प्रदेश में सभी क्षेत्रों में बड़े निवेश को आमंत्रित करेगी। यह प्रणाली निवेशकों की सभी समस्याओं के समाधान के लिए एक प्रभावी पटल के रूप में उभरेगी, जिससें उनकी समस्याओं का सर्वोच्च स्तर पर समयबद्ध समाधान होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह पोर्टल राज्य में कार्यान्वित की जा रही विभिन्न विकासात्मक परियोजनाओं जैसे उद्योग, पर्यटन, ऊर्जा तथा अन्य अवसंरचनात्मक परियोजनाओं की प्रभावी ऑनलाइन निगरानी सुनिश्चित करने के लिए विकसित किया गया है। उन्होंने कहा कि निवेशक और सम्भावित उद्यमी अब इस पोर्टल पर लॉग-इन करके आसानी से अपनी परियोजनाओं की स्थिति की जानकारी हासिल कर सकते हैं।
जय राम ठाकुर ने कहा कि हिम प्रगति पोर्टल पर 8690 करोड़ रुपये से अधिक के निवेश की 52 परियोजनाएं अपलोड़ की गई हैं। उन्होंने कहा कि प्रथम चरण में 25 करोड़ या इससे अधिक का अनुमानित निवेश हिम प्रगति पोर्टल पर जोड़ा गया है। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश ऊर्जा विकास एजेंसी (हिम ऊर्जा) में परियोजना नियंत्रण इकाई स्थापित की गई है। उन्होंने कहा कि पोर्टल का उद्देश्य निवेश की शीघ्र स्वीकृति और विभिन्न स्वीकृतियों को शीघ्र प्रदान करना तथा विभिन्न विभागों से शीघ्र अनुमोदन व स्वीकृति प्राप्त करना है। उन्होंने कहा कि इस पोर्टल के माध्यम से परियोजना निर्माणकर्ताओं की शंकाओं और चिन्ताओं के समाधान का प्रयास किया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पांच पर्यटन परियोजनाएं जिसमें 289 करोड़ की हिमानी-चामुण्डा रोप-वे परियोजना, 35 करोड़ रुपये की स्नो वैली रिजॉर्ट और मेनेजमेंट इंस्टिच्यूट शिमला, 150 करोड़ रुपये की धर्मशाला रोप-वे परियोजना, 200 करोड़ रुपये की बिजली महादेव रोप-वे परियोजना और 340 करोड़ रुपये की पलचान रोहतांग रोप-वे परियोजनाओं की हिम प्रगति पोर्टल के माध्यम से निगरानी की जा रही है। उन्होंने अधिकारियों को क्रियान्वयन एजेंसियों को हर सम्भव सहायता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए जिससे इन सभी परियोजनाओं को समयबद्ध निर्माण पूरा हो सके।
जय राम ठाकुर ने कहा कि इसके अतिरिक्त 4316.10 करोड़ रुपये के निवेश की 12 ऊर्जा परियोजनाओं की हिम प्रगति पोर्टल के माध्यम से निगरानी की जा रही है। उन्होंने अधिकारियों को एफआरए तथा अन्य अनापत्तियां प्रदान करने में शीघ्रता लाने के निर्देश दिए जिससे इन परियोजनाओं को जल्द अपने हाथों में लिया जा सके।
उन्होंने कहा कि 2708.62 करोड़ रुपये के निवेश की 23 औद्योगिक परियोजनाएं क्रियान्वयन एजेंसियों की समस्याओं के शीघ्र निवारण एवं सुविधा के लिए हिम प्रगति पोर्टल पर अपलोड़ की गई हैं।
मुख्यमंत्री ने विभिन्न क्रियाधीन परियोजनाओं की शीघ्र स्वीकृतियां सुनिश्चित करने के लिए अधिकारियों को निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि उद्योग, बिजली और पर्यटन जैसे प्रमुख विभागों के लिए निर्धारित लक्ष्यों को तय समयावधि में हासिल किया जाना चाहिए।
जय राम ठाकुर ने कहा कि राज्य को निवेश के लिए सुशासन, उद्यमी निवेश अनुकूल पर्यावरण, सुगमतापूर्वक व्यापार, सरपल्स ऊर्जा और कुशल तथा प्रतिभावान मानव संसाधनों की उपलब्धता जैसी तुलनात्मक अनुकूल परिस्थितियां उपलब्ध हैं। उन्होंने कहा कि विभिन्न स्वीकृतियां प्राप्त करने के लिए प्रक्रिया को और सरल करने के प्रयास किए जाएंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वह स्वयं हिम प्रगति पोर्टल की त्रैमासिक निगरानी कर रहे हैं ताकि परियोजनाओं के निर्माण की गति को तेज किया जा सके। सरकार 25 करोड़ रुपये से कम की परियोजनाओं के समावेश पर भी विचार करेगी ताकि प्रभावी अनुश्रवण के लिए अधिक से अधिक विकासात्मक परियोजनाओं को शामिल किया जा सके।
इस अवसर पर बहुद्देशीय परियोजनाएं एवं ऊर्जा मंत्री अनिल शर्मा तथा उद्योग मंत्री बिक्रम सिंह भी मौजूद रहे।
अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. श्रीकान्त बाल्दी ने बैठक की कार्यवाही का संचालन किया।
मुख्य सचिव बी.के. अग्रवाल, अतिरिक्त मुख्य सचिव राम सुभग सिंह, मनीषा नंदा, निशा सिंह व मनोज कुमार, प्रधान सचिव जे.सी. शर्मा व ओंकार शर्मा, मुख्यमंत्री के अतिरिक्त प्रधान सचिव संजय कुण्डू, निदेशक उद्योग हंसराज शर्मा, निदेशक ऊर्जा मानसी सहाय ठाकुर, प्रधान मुख्य अरण्यपाल अजय कुमार, कुल्लू के उपायुक्त युनूस, सोलन के उपायुक्त विनोद कुमार, मुख्यमंत्री के विशेष सचिव डी.सी. राणा तथा अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी बैठक में उपस्थित रहे।