इस दौरान खेल मंत्री ने कहा कि इस संवाद से मिले महत्वपूर्ण सुझावों पर गंभीरता के साथ अमल किया जायेगा ,ताकि खिलाड़ियों को प्रोत्साहन मिले और खेलों का विकास हो. यही सरकार की मंशा है. प्रदेश के खिलाड़ी ओलंपिक, एशियन गेम्स और कॉमनवेल्थ गेम्स में भागीदारी करते हैं, तो सरकार उन्हें प्रोत्साहन देगी. जिस तरह अन्य प्रदेशों में करोड़ों रूपए की सम्मान निधि वहां के खिलाड़ियों को उपलब्ध करायी जाती है, उसी प्रकार हमारे खिलाड़ियों को भी प्रोत्साहन की बढ़ी हुई राशि दी जायेगी. जिसका प्रस्ताव तैयार कर वित्त विभाग को भेजा गया है.
मंत्री पटवारी ने कहा कि राष्ट्रीय स्तर के खेलों में लगातार भागीदारी के बाद भी किसी खिलाड़ी को नौकरी नहीं मिल पाती है तो सरकार की यह कोशिश रहेगी कि किसी खिलाड़ी के साथ अन्याय न हो. उसके लिए न्यूनतम कारगर व्यवस्था की जाएगी. खिलाड़ियों की राष्ट्रीय, अंतराष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता में भागीदारी पर उन्हें प्रोत्साहन राशि दी जाएगी. इसके अलावा पदक जीतने वाले खिलाड़ियों को शानदार पारितोषिक के रूप में प्रोत्साहन राशि को बढ़ाया जा रहा है.
देश में प्रशिक्षण प्राप्त करने के लिए खिलाड़ी को प्रशिक्षण के लिए राशि रू. 1.00 लाख या वास्तविक (जो कम हो), जिसमें खिलाड़ी का आना-जाना, भोजन, आवास, प्रशिक्षण एवं चिकित्सा व्यय सम्मिलित होगा, उपलब्ध कराई जाएगी. संवाद कार्यक्रम में कई खिलाड़ियों ने खेल मंत्री को अपनी परेशानियों के बारे में बताया, जिस पर खेल मंत्री ने कहा कि हर एक खिलाड़ी की समस्याओं पर अब से ध्यान दिया जाएगा. यहां प्रदेश भर से आये अर्जुन, विक्रम, एकलव्य खिलाड़ियों और विश्वामित्र पुरस्कार से सम्मानित प्रशिक्षकों और खेल संघों के पदाधिकारियों ने प्रदेश में खेलो के विकास के लिए महत्वपूर्ण सुझाव प्रस्तुत किए