Home हिमाचल प्रदेश एचपीशिवा परियोजना से राज्य में लगभग 50000 किसान परिवार लाभान्वित होंगेः मुख्यमंत्री…

एचपीशिवा परियोजना से राज्य में लगभग 50000 किसान परिवार लाभान्वित होंगेः मुख्यमंत्री…

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राज्य में 1688 करोड़ रुपये लागत की हिमाचल प्रदेश उपोष्णकटिबंधीय बागवानी, सिंचाई और मूल्य संवर्धन परियोजना (एचपीशिवा) को भारत सरकार द्वारा स्वीकृत तथा बाह्य वित्त पोषण के लिए एशियाई विकास बैंक द्वारा अनुमोदित किया गया है। इस परियोजना के अन्तर्गत सुनिश्चित सिंचाई सुविधा और खेतों में पूरी तरह बाड़ लगाने का प्रावधान होगा तथा इसमें लगभग 20,000 हेक्टेयर क्षेत्र उपोष्णकटिबंधीय फलों के तहत लाया जाएगा। मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने यह आज यहां एशियाई विकास बैंक (एडीबी), सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य और बागवानी विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक को संबोधित करते हुए कहा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि एडीबी ने तीन परियोजनाओं को मंजूरी दी है, जिसमें एचपीशिवा परियोजना, 423 करोड़ रुपये की एकीकृत मशरूम विकास परियोजना और जल संरक्षण के माध्यम से किसानों की आय को दुगना करने के लिए 4751 करोड़ रुपये की परियोजनाएं शामिल है। उन्होंने कहा कि चरण-1 के तहत राज्य के विभिन्न भागों में 708.87 करोड़ रुपये की लागत से 53 जल संरक्षण संरचनाओं का निर्माण 6853 हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई क्षमता सृजित करने के लिए किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इन परियोजनाओं से वर्ष 2020 तक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के किसानों की आय को दोगुना करने का सपना साकार होगा।
जय राम ठाकुर ने कहा कि 1688 करोड़ रुपये की हि.प्र. शिवा परियोजना से राज्य में लगभग 50000 किसान परिवार लाभान्वित होंगे तथा ग्रामीण लोगों के लिए स्थायी आजीविका के अवसर भी पैदा होगें। उन्होंने कहा कि इसी प्रकार 423 करोड़ रुपये की मशरूम विकास परियोजना महिलाओं, बेरोजगार युवाओं और भूमिहीन किसानों के लिए स्वरोजगार मुहैया कराने में सहायक सिद्ध होगी।
मुख्यमंत्री ने एडीबी टीम के सदस्यों को उनके पूर्ण सहयोग के लिए धन्यवाद दिया और आशा व्यक्त की कि एडीबी इन परियोजनाओं के समयबद्ध व प्रभावी कार्यान्वयन के लिए अपना सहयोग जारी रखेगा। उन्होंने इन परियोजनाओं के समयबद्ध कार्यान्वयन के लिए राज्य सरकार से पूर्ण सहयोग का आश्वासन भी दिया।
सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर ने कहा कि किसानों की आय को दोगुना करने की परियोजना से न केवल जल अवरोधन हस्तक्षेपों (वाटर कन्स्ट्रनेशन इन्टरवेंशन) के माध्यम से जल संसाधनों की स्थिरता को बढ़ाने में मदद मिलेगी, बल्कि किसानों की आय भी दोगुनी होगी। उन्होंने कहा कि यह परियोजना जल संसाधनों पर जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को कम करने पर केंद्रित होगी तथा राज्य की लगभग एक मिलियन छोटे और सीमांत किसानों की अनुकूलन क्षमता में स्थायी बढ़ौतरी सुनिश्चित होगी।
सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य विभाग के सचिव देवेश कुमार ने मुख्यमंत्री और अन्य गणमान्य व्यक्तियों का स्वागत करते हुए कहा कि इन परियोजनाओं के पूर्ण होने पर राज्य की अर्थव्यवस्था को परिवर्तित करने में सहायक सिद्ध होगी।
एशियाई विकास बैंक के मिशन प्रमुख तथा परियोजना अधिकारी सुनेय किम ने मुख्यमंत्री को इन परियोजनाओं के प्रभावी कार्यान्वयन में पूर्ण सहयोग का आश्वान दिया।
अतिरिक्त मुख्य सचिव बागवानी आर.डी.धीमान, प्रमुख अभियंता सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य विक्रांत सुमन, निदेशक बागवानी विभाग डॉ. एम.एल धीमान, बागवानी विशेषज्ञ जेफ डाईस, मौसम परिवर्तन व पर्यावरण विशेषज्ञ जिम स्माईल, जल संसाधन विशेषज्ञ डेविड मिह तथा अन्य वरिष्ठ अधिकारीगण भी इस अवसर पर उपस्थित थे।

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