पिछले साल दिसंबर में मध्य प्रदेश में सत्ता परिवर्तन के बाद सत्ता में लौटी कमलनाथ की अगुवाई वाली कांग्रेस सरकार अब तक अपनी पूर्ववर्त्ती सरकार के कई फैसले बदल चुकी है, लेकिन उसने शिवराज सरकार का एक अहम फैसला नहीं बदला और उस फैसले को जारी रखते हुए उसका पहला जत्था मंगलवार को रवाना भी कर दिया गया. मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना के तहत बुजुर्ग तीर्थयात्रियों को प्रयागराज के लिए रवाना किया गया जिनके पूरे सफर के दौरान खाने-पीने का इंतजाम राज्य सरकार की ओर से किया जा रहा है.
मध्य प्रदेश सरकार की मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना के तहत मंगलवार से प्रयागराज कुंभ के लिए विशेष ट्रेनों के जरिए बुज़ुर्ग तीर्थयात्रियों को रवाना किया गया. इस विशेष ट्रेन के जरिए करीब एक हजार बुज़ुर्ग तीर्थयात्री प्रयागराज के लिए रवाना हो गए. इनमें सबसे ज्यादा संख्या भोपाल के तीर्थ यात्रियों की है.
भोपाल से जहां 400 तीर्थयात्री इस ट्रेन में सवार हुए तो वहीं विदिशा, सागर और दमोह से करीब 200-200 यात्री इस ट्रेन के जरिए प्रयागराज पहुंचेंगे. यही नहीं, बुज़ुर्ग तीर्थयात्रियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए हर 10 तीर्थयात्री पर एक अटेंडेंट को भी साथ में भेजा जा रहा है. सरकार के अध्यात्म विभाग मंत्री पीसी शर्मा ने बताया कि ये विशेष ट्रेन काशी तक जाएगी जिसके बाद प्रयागराज तक का सफर बस से तय किया जाएगा.
प्रयागराज पहुंचने के बाद नदी तक जाने के लिए ई-रिक्शा की सुविधा भी दी जाएगी. ट्रेन में आने-जाने से लेकर प्रयागराज तक में खाने-पीने का सारा इंतजाम मध्य प्रदेश सरकार की तरफ से ही रहेगा. कुंभ स्नान और यात्रा के बाद 16 फरवरी को ट्रेन वापस भोपाल के लिए रवाना हो जाएगी.
दरअसल, पिछली सरकार में मुख्यमंत्री रहे शिवराज सिंह चौहान ने मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना शुरू की थी और उसी योजना को अब कमलनाथ सरकार ने जारी रखा है. मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना के तहत यह यात्रा 12 फरवरी को हबीबगंज स्टेशन से शुरू हो गई है जिसके बाद बुराहनपुर, शिवपुरी और परासिया से स्पेशल ट्रेनें अलग-अलग तारीखों पर प्रयागराज के लिए रवाना होंगी. इस योजना में 3,600 तीर्थयात्रियों को कुंभ ले जाया जाएगा.
अगला जत्था 14 फरवरी को बुराहनपुर से रवाना होने वाली ट्रेन में सफर करेगा जिसमें बुरहानपुर-खंडवा-हरदा-जबलपुर के 900 तीर्थयात्री प्रयागराज जाएंगे. इसके बाद 22 फरवरी को शिवपुरी से जाने वाली ट्रेन में शिवपुरी-अशोकनगर-कटनी के 900 तीर्थयात्री तो वहीं अंतिम जत्था 24 फरवरी को परासिया स्टेशन से रवाना होगा. इसमें परासिया-छिंदवाड़ा-बैतूल-इटारसी-होशंगाबाद-नरसिंहपुर के 900 तीर्थयात्री शामिल होंगे.