अखिलेश यादव की इलाहाबाद विश्वविद्यालय में नो एंट्री पर यूपी में सियासी बवाल शुरू हो गया है. एसपी के 15 सदस्यीय प्रतिनिधि मंडल ने आज राज्यपाल से मिलकर योगी सरकार की शिकायत की और ज्ञापन सौंपा. मंगलवार को एसपी अध्यक्ष अखिलेश यादव को इलाहाबाद विश्वविद्यालय के कार्यक्रम में शिरकत करनी थी लेकिन कानून व्यवस्था का हवाला देकर प्रशासन ने उन्हें लखनऊ से उड़ान नहीं भरने दी, जिस पर सड़क से लेकर संसद तक हंगामा खड़ा हो गया.
एसपी कार्यकर्ताओं ने यूपी में कल जगह जगह हंगामा किया, खुद अखिलेश यादव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर योगी सरकार की नीयत पर सवाल उठाए. अखिलेश यादव ने कहा, ”ये सरकार छात्रों से डर गई है. सरकार ने नौजवानों के भविष्य से खिलवाड़ किया है, उनके सपनों की हत्या की है और मजबूर किया है कि बेरोजगार रहो. इसलिए वे नहीं चाहते कि कोई छात्रों से मिलकर उनकी मदद करे उनकी बात सुने. याद रहे कि लोकतंत्र को बचाने के लिए जनता तैयार बैठी है.”
योगी आदित्यनाथ ने कहा, ”अखिलेश यादव के प्रयागराज आने से हिंसा की आशंका थी. प्रयागराज में अभी कुंभ की वजह से काफी भीड़ है और वहां कानून व्यवस्था बिगड़ने का खतरा था. अराजक गतिविधियों से बाज आना चाहिए.” योगी ने कहा, “सपा अराजकता फैलाने के लिए जानी जाती है. अखिलेश जाते तो यूनिवर्सिटी में बवाल होता,छात्र गुटों में हिंसा की आशंका के चलते उन्हें रोका गया. हम समाजवादी पार्टी को अराजकता फैलाने की इजाजत नहीं दे सकते.
अखिलेश को रोकने के खिलाफ इलाहाबाद यूनिवर्सिटी में भी कल खूब हंगामा हुआ था. पूरे विवाद के बाद इलाहाबाद यूनिवर्सिटी में छुट्टी घोषित कर परीक्षाएं स्थगित कर दी गई है जिसकी कोई वजह नहीं बताई गई है. यूपी सरकार का दावा है कि अखिलेश यादव को प्रयागराज न जाने के बारे में बता दिया गया था. इलाहाबाद विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार ने कल समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव के निजी सचिव को पत्र लिखकर सूचित किया था कि विश्वविद्यालय के कार्यक्रमों में राजनेताओं को आने अनुमति नहीं है.