जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकी हमले में शहीद जवानों की ची सीआरपीएफ थोड़ी देर बाद जारी करने की तैयारी में है.जवानों के नाम जारी किये जाने में देरी की वजह कई शवों का क्षत विक्षत होना है इस वजह से उनकी पहचान में देरी हुई. सूत्र बता रहे हैं कि इस आतंकी हमले में शहीद हुए जवानों का आंकड़ा 41 के करीब पहुंच गया है. हालांकि आधिकारिक तौर पर सीआरपीएफ ने 37 जवानों के शहीद होने की ही पुष्टि की है
दूसरी तरफ, पाकिस्तान ने कहा है कि ‘हम बिना किसी जांच के हमले का संबंध पाकिस्तान से जोड़ने के भारतीय मीडिया और सरकार के किसी भी आक्षेप को खारिज करते है’. पाकिस्तान सरकार ने एक बयान में कहा कि कश्मीर के पुलवामा में हमला ‘‘एक गंभीर चिंता का विषय है”. बयान में कहा गया कि पाकिस्तान ने दुनिया के किसी भी हिस्से में हिंसा की कार्रवाई की हमेशा निंदा की है. उसने कहा,‘‘ हम बिना किसी जांच के हमले का संबंध पाकिस्तान से जोड़ने के भारतीय मीडिया और सरकार के किसी भी आक्षेप को खारिज करते हैं”.
इस बीच भारत ने पुलवामा आतंकवादी हमले को लेकर पाकिस्तान की निंदा की और पड़ोसी मुल्क से आतंकवादियों को सहयोग देना बंद करने तथा उसकी जमीन से संचालित हो रहे आतंकी ठिकानों को नेस्तनाबूद करने की मांग की है. आपको बता दें कि थो़ड़ी देर में सुरक्षा मामलों की कैबिनेट कमेटी की बैठक होगी. जिसमें गृहमंत्री राजनाथ सिंह के साथ सीआरपीएफ के डीजी भी शामिल होंगे, जो हालात के बारे में अवगत कराएंगे. बैठक खत्म होने के बाद करीब 12 बजे गृहमंत्री और सीआरपीएफ के डीजी श्रीनगर के लिये रवाना हो जाएंगे. श्रीनगर में हमले में शहीद हुए जवानों को श्रद्धाजलि दी जाएगी. उसके बाद सारे शवों को एक विशेष विमान से गाजियाबाद के हिंडन एयर बेस लाया जाएगा. यहीं से जिस इलाके के जवान है वहां शव भेजे जाएंगे. उत्तर प्रदेश से करीब 10 से 12 और पंजाब से 4-5 जवान है, बाकी राज्यों से एक-दो जवान हैं.