जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में आतंकियों से मुठभेड़ में भारतीय सेना के चार जवान शहीद हो गए. शहीद होने वालों में भारतीय सेना का मेजर भी शामिल है. सेना ने इसकी पुष्टि कर दी है. एनकाउंटर रात करीब साढ़े 12 बजे शुरू हुआ और रात ढाई बजे तक रुक-रुक कर फायरिंग जारी रही. आशंका जताई जा रही है कि आतंकी फायरिंग करके मौके से भाग गए हैं. फायरिंग में जो जवान जख्मी भी हो गए हैं. वहीं एक नागरिक की मौत की भी खबर है.
फिलहाल इलाके की घेराबंदी कर तलाशी अभियान चलाया जा रहा है. यह मुठभेड़ पुलवामा के पिंगलान इलाके में हुई है. सोमवार तड़के खबर आई थी कि सुरक्षाबलों ने दो-तीन आतंकवादियों को घेर लिया है. इलाके में आतंकियों के होने की जानकारी मिलने के बाद सेना ने पूरे इलाके को घेर लिया था और आतंकियों की तलाश शुरु कर दी थी. तभी आतंकियों ने भारतीय सेना पर फायरिंग कर दी. इसके बाद दोनों तरफ से गोलीबारी शुरू हो गई. मुठभेड़ आधी रात से जारी है.
बता दें, पुलवामा में ही गुरुवार को सीआरपीएफ के एक काफिले पर आत्मघाती हमला हुआ था जिसमें इस अर्धसैनिक बल के कम से कम 40 जवान शहीद हो गए थे और कई घायल हुए थे. इस हमले की जिम्मेदारी पाकिस्तान बेस्ड आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने ली है. इसके बाद भारत ने पाकिस्तान पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है. पुलवामा में हुए आतंकी हमले के बाद भारत सरकार ने शनिवार को एक और कड़ा कदम उठाते हुये पाकिस्तान से आयातित होने वाले सभी सामानों पर सीमा शुल्क तत्काल प्रभाव से बढ़ाकर 200 प्रतिशत कर दिया. पाकिस्तान से एमएफएन का दर्जा वापस लिये जाने के बाद वहां से आयात होने वाली सभी वस्तुओं पर 200 फीसदी का सीमा शुल्क तत्काल रूप से लागू हो गया है
दूसरी तरफ, पुलवामा हमले के बाद जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने मीरवाइज उमर फारूक समेत पांच अलगाववादी नेताओं की सुरक्षा वापस ले ली है. अधिकारियों ने बताया कि मीरवाइज के अलावा, अब्दुल गनी भट, बिलाल लोन, हाशिम कुरैशी एवं शबीर शाह को दी गई सुरक्षा वापस ले ली गई है. हालांकि, आदेश में पाकिस्तान समर्थक अलगाववादी सैयद अली शाह गिलानी का जिक्र नहीं है. साथ ही अधिकारियों ने बताया कि आदेश के मुताबिक अलगाववादियों को दी गई सुरक्षा एवं उपलब्ध कराए गए वाहन रविवार शाम तक वापस ले लिए जाएंगे. किसी भी बहाने से उन्हें या किसी भी अलगाववादी नेता को सुरक्षा या सुरक्षाकर्मी नहीं मुहैया कराए जाएंगे. अगर सरकार ने उन्हें किसी तरह की सुविधा दी है तो वह भी भविष्य में वापस ले ली जाएगी. गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को श्रीनगर दौरे पर कहा था कि पाकिस्तान एवं उसकी जासूसी एजेंसी आईएसआई से निधि प्राप्त करने वाले लोगों को दी गई सुरक्षा की समीक्षा की जाएगी