कमलनाथ सरकार के इस अंतरिम बजट में आने वाले लोकसभा चुनाव का भी खासा असर रहेगा, हालांकि किसानों की कर्जमाफी के फैसले की वजह से प्रदेश सरकार के बजट पर फंड को लेकर दबाव जरूर है, लेकिन इन सब के बीच प्रदेश सरकार अपने इस अंतरिम बजट में सभी को साधने की कोशिश करती नजर आ सकती है.
विधानसभा का बजट सत्र 21 फरवरी तक चलेगा, इस सत्र के हंगामेदार रहने के पूरे आसार हैं. विपक्ष कानून व्यवस्था को लेकर प्रदेश सरकार को घेरने की पूरी तैयारी में है. चार दिन के इस सत्र के लिए विधायकों ने 727 प्रश्न विधानसभा सचिवालय को भेजे हैं. बताया जा रहा है कि प्रदेश सरकार का ये बजट कुल 89 हजार करोड़ का हो सकता है. जिसमे करीब 70 हजार करोड़ के लेखानुदान और थर्ड सप्लीमेंट्री बजट की राशि 18 हजार करोड़ रुपए को मिलालें तो कुल 89,439 हजार करोड़ के वोट एन अकाउंट को मंजूरी दे दी गई है. प्रदेश सरकार का कहना है कि ये बजट प्रदेश की आम जनता को राहत देने वाला होगा.
प्रदेश सरकार के इस लेखानुदान बजट में एक तरफ जहां सभी को साधने की कोशिश होगी, तो वही दूसरी तरफ कर्जमाफी का दबाव भी नजर आएगा. ऐसे में वित्त मंत्री तरुण भनोत के सामने सब की उम्मीदों को पूरा करने की चुनौती भी कम नहीं है