मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने आज यहां मेहली के नजदीक गुसान गांव में गायत्री चेतना केन्द्र का ‘भूमि पूजन’ किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि गायत्री परिवार सामाजिक मूल्यों व परम्पराओं को आगे बढ़ाने में सराहनीय कार्य कर रहा है।
उन्होंने कहा कि कड़ी प्रतिस्पर्धा और भौतिकतावादी वर्तमान युग में नैतिक मूल्य और परम्पराएं तेज गति से क्षीण हो रही है। उन्होंने कहा कि गायत्री परिवार जैसी संस्था सदियों पुरानी परम्पराओं और मूल्यों को बनाए रखने में महत्वपूर्ण योगदान प्रदान कर रही है, ताकि भारत एक बार फिर ‘विश्व गुरू’ बन सके। उन्होंने कहा कि केवल वही समाज उन्नति करते हैं जो अपनी संस्कृति और परम्पराओं का सम्मान करते हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह केन्द्र समाज में समृद्ध परम्पराओं व मूल्यों को विकसित करने में सहायक होगा। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर को संजोए रखने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने संस्कृत को प्रदेश में ‘दूसरी राजभाषा’ का दर्जा देने का निर्णय लिया है।
जय राम ठाकुर ने गायत्री परिवार के गायत्री चेतना केन्द्र को शीघ्रातिशीघ्र क्रियाशील करने के लिए राज्य सरकार की ओर से हर संभव सहायता प्रदान करने का आश्वासन दिया।
गायत्री परिवार के प्रमुख डॉ. प्रणव पांडिया ने मुख्यमंत्री का स्वागत करते हुए कहा कि गायत्री परिवार एक गैर राजनीतिक संगठन है जो विश्व शांति और भाईचारे के लिए काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि गायत्री परिवार आने वाली पीढ़ियों के लिए इस महान राष्ट्र की समृद्ध परम्पराओं, संस्कृति और मूल्यों का संरक्षण सुनिश्चित बना रहा है।
नगर निगम की महापौर कुसुम सदरेट, अतिरिक्त मुख्य सचिव एवं मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव डॉ. श्रीकांत बाल्दी, हिमाचल गायत्री परिवार के प्रमुख वी.के. भटनागर, उपायुक्त अमित कश्यप, पुलिस अधीक्षक शिमला ओमापति जमवाल व अन्य गणमान्य व्यक्ति इस अवसर पर उपस्थित थे