फाल्गुन मास का महीना हिन्दू पंचांग का अंतिम महीना होता है. ये वही समय होता है जब बसंत ऋतु का भी आगमन होता है. इस महीने की पूर्णिमा को फाल्गुनी नक्षत्र के रूप में देखा जाता है. इसलिए इस महीने का नाम फाल्गुन मास रखा गया है.
बता दें, इस महीने को आनंद और उल्लास का महीना भी माना जाता है. अंग्रेजी कलेंडर के मुताबिक, ये महीना फरवरी और मार्च के बीच में पड़ता है. फाल्गुन मास के आगमन के साथ गर्मी की शुरुआत होती है और सर्दी कम होने लगती है. बसंत का प्रभाव होने के चलते, इस महीने में रिश्तों में मधुरता आती है और पूरा वातावरण मनमोहक रहता है. हिंदू मान्यता के दो सबसे बड़े त्योहार, महाशिवरात्रि और होली इसी महीने मनाए जाते हैं. वैसे आपको बता दें बदलते ऋतु के साथ अगर आप अपना खानपान में परिर्वतन लाएंगे, तो ये अत्यंत लाभकारी माना जाता है. घी, खिचड़ी का सेवन कर सकते हैं. इस महीने में सुबह जल्दी स्नान करना भी शुभ माना गया है.
ऐसा कहा जाता है कि फाल्गुन महीने में चंद्रमा का जन्म हुआ था. इस समय चंद्रमा की जल अर्पण करके पूजा करने से विशेष कृपा बरसती है. चंद्र को जल अर्पण करने से आपका चंचल मन भी शांत हो जाता है. बता दें, इस बार फाल्गुन मास 20 फरवरी 2019 से 21 मार्च 2019 तक है.
फाल्गुन महीने की शुरुआत से ही शीतल या सामान्य जल से स्नान करें रात्रि के समय भोजन में अनाज का प्रयोग कम से कम करें. फल सब्बजियों का सेवन कर सकते हैं.कपडे ज्यादा रंगीन और सुन्दर धारण करें ,सुगंध का प्रयोग भी कर सकते हैं.
नियमित रूप से भगवान कृष्ण की पीले फूलों से उपासना करें और शुद्ध घी का दीया जलांए. नशीली चीज़ों और मांसाहार का सेवन बिल्लकुल ना करें. अपने बड़ों का आर्शीवाद लेना ना भूलें. इससे रुके हुए कार्य पूरे होंगे और ज्यादा दुविधा का भी सामना नहीं करना पड़ेगा.
फाल्गुन के इस पावन महीने में भगवान को प्रसन्न रखेंगे, तो उनकी कृपादृष्टि आप पर सदैव बनी रहेगी. तो आइए आपको बताते हैं कि कैसे भगवान को प्रसन्न किया जाए फाल्गुन मास से ही रात्रि में जल्दी सोने और सुबह जल्दी उठने की आदत डालें. अपने कुलगुरु देवी देवता की उपासना जरूर करें.
भगवान श्रीकृष्ण को पूरे महीने नियमित रूप से शुद्ध अबीर गुलाल के साथ साथ पीले फल अर्पण करें. इससे गुस्से या चिड़चिड़ाहट की समस्या से निजात मिलेगा.
अपने स्नान के जल में सुगन्धित केवड़ा मिलाकर स्नान करें और चन्दन की सुगंध का प्रयोग करें. इससे मानसिक अवसाद की शिकायत दूर होगी.
भगवान शिव को पूरे महीने पंचामृत के साथ साथ सफ़ेद चंदन भी अर्पित करें और ॐ नमः शिवाय का मन ही मन जाप करें. ऐसा करने से आप स्वस्थ रहेंगे.
माँ लक्ष्मी को शुद्ध गुलाब का इत्र या लाल गुलाब के 5 या 11 फूल जरूर अर्पण करें. इससे घर में लक्ष्मी की कभी कमी नहीं होगी.
वैसे आपको बता दें,फाल्गुन मास में भगवान कृष्ण की करें विशेष पूजा की जाती है. इस महीने उनकों पीले फूल अर्पण करने से निसंतानों को संतान की प्राप्ति होती है. आप इसी महीने में कृष्ण के तीनों स्वरूपों, ‘बाल कृष्ण, युवा कृष्ण और गुरु कृष्ण’ की पूजा की जा सकती है. ज्ञान और वैराग्य की प्राप्ति के लिए गुरु कृष्ण की पूजा अत्यंत लाभकारी है.
फाल्गुन मास में सूर्य उदय होने से पहले उठे और अपने स्नान के जल में एक चम्मच गुलाबजल मिलाकर स्नान करें. आप भोजपत्र को अपने पूजन स्थल में रखकर एक दीया जलायें और गायत्री मंत्र का 3 माला जाप करें. ये महाउपाय आपके जीवन में सदैव खुशियां बरकरार रखेंगे.