ऊना। सतगुरु गुरु रविदास महाराज के 642वें जन्मदिवस के उपलक्ष्य पर उप तहसील जोल के तहत तलमेहड़ा बाजार में भंडारे का आयोजन किया गया। भजन कीर्तन के बाद संगत ने दो मिनट का मौन रखकर पुलवामा हमले में शहीदों को श्रद्धांजलि दी।
इसके बाद क्षेत्रवासियों और राहगीरों ने भंडारे का प्रसाद ग्रहण किया। गुरु रविदास सभा प्रबंधक कमेटी प्रधान मक्खन सिंह, सदस्य दीना नाथ, रामनाथ, अशोक कुमार, शेर सिंह, बबलू, चिंत राम, प्रकाश चंद, वतन चंद, रोहित कुमार, बुद्धि सिंह, विजय कुमार ने भंडारे में बढ़-चढ़कर सेवा की। गुरु रविदास मंदिर नंगड़ा में भी गुरुपूर्व बड़ी धूमधाम से मनाया गया। सुबह 10 बजे निशान साहिब चढ़ाने की रस्म अदा की गई। उसके बाद संत बाबा रविंद्र दास खानपुर वालों ने सत्संग को गुरु रविदास महाराज की महिमा का गुणगान करके निहाल किया। उसके बाद गुरु का अटूट लंगर बरताया गया। इस मौके पर श्री गुरु रविदास नौजवान सभा नंगड़ा ने खीर का लंगर भी लगाया।
चिंतपूर्णी के गुरु रविदास गुरुद्वारा ज्वाल में श्री गुरु रविदास का प्रकाशोत्सव धूमधाम से मनाया गया। गुरुद्वारा में सुबह के समय भव्य झंडा रस्म अदा की गई। इसके बाद जीपी बाली एवं पार्टी तलवाड़ा ने भजन कीर्तन का आयोजन किया। इसमें गुरु रविदास महाराज के जीवन, उनकी शिक्षाओं को गीत संगीत के माध्यम से प्रस्तुत किया गया। गुरु रविदास महाराज ने विपरीत परिस्थितियों में भी समस्त समाज को एकता, प्रेम एवं भाईचारे की प्रेरणा दी।
उनके कहे गए हर दोहे, कविता या गीतों में सामाजिक एकता की शिक्षा मिलती है। उनके दोहे जैसे-मन चंगा तो कटौती में गंगा, जाति-जाति में जाति सो केतन के पात रैदास मनुष्य न जुड़ सके जब तक जाति न जात, रविदास जन्म कारण न होत कोई नीच, नर को नीच कर डारि है ओछे कर्म की कीच आदि कई दोहे प्रेम व आध्यात्मिकता के परिचायक है। इस अवसर पर गुरुद्वारा में गुरू के अटूट लंगर का भी आयोजन किया गया। कमेटी प्रधान सोमनाथ ने बताया कि संगत ने गुरुपूर्व में बढ़ चढ़ कर भाग लिया।