राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने बड़े पैमाने पर प्राकृतिक खेती को अपनाने पर बल देते हुए कहा कि जल, वायु और खाद्यानों में रसायनों का अत्यधिक उपयोग गम्भीर समस्या बन गया है।
राज्यपाल आचार्य देवव्रत दीनबंधु फाउंडेशन द्वारा 14 फरवरी, 2019 को जम्मू-कश्मीर में पुलवामा आतंकवादी हमले में शहीदों को श्रद्धांजलि देने के लिए आयोजित एक समारोह को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि पूरा देश एक जुट हो कर उन लोगों को जवाब दे रहा है, जो भारत की एकता और अखण्डता के लिए घातक है।
उन्होंने कहा कि वैज्ञानिकों के शोध के अनुसार पंजाब तथा हरियाणा में जल स्तर हर वर्ष चार फुट तक कम हो रहा है और अगर स्थिति यही रही तो कुछ वर्षों में आने वाली पीढ़ियों के लिए बंजर एवं जलविहीन भूमि ही रह जाएगी। उन्होंने कहा कि इसका एक मात्र समाधान प्राकृतिक खेती है जिसके द्वारा भू-जल स्तर को पुनर्जीवित किया जा सकता है और हमें जैविक व स्वास्थ्यवर्धक उत्पाद प्राप्त होंगे।
आचार्य देवव्रत ने कहा कि हिमाचल प्रदेश सरकार ने पहले ही प्राकृतिक खेती को अपना लिया है तथा किसानों को मुफ्त प्रशिक्षण दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि पहले वर्ष में तीन हजार से अधिक किसानों ने इस प्रणाली को अपना लिया है और इस वर्ष के लिए 50 हजार किसानों को जोड़ने का लक्ष्य रखा गया है। उन्होंने कहा कि विभिन्न राज्यों में 40 लाख से अधिक किसानों ने प्राकृतिक खेती को अपना लिया है।
उन्होंने युवाओं को नशीले पदार्थों से दूर रहने और अपनी ऊर्जा को रचनात्मक कार्यों में लगाने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि युवा राष्ट्र की भविष्य है और देश के विकास और प्रगति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं परन्तु यह चिंता का विषय है कि वे नशे के शिकार हो रहे है।
आचार्य देवव्रत ने कहा कि लोगों को एक समृद्ध, विकसित और शान्तिपूर्ण समाज के निर्माण के लिए एकजुट होकर सामाजिक बुराइयों के विरूद्ध लड़ना होगा। उन्होंने कहा कि बच्चों में नैतिक मूल्यों और जिम्मेदारी की भावना जागृत करने में शिक्षकों और अभिभावकों की शुरू से ही महत्वपूर्ण भूमिका रही है, जिससे उन्हें सामाजिक बुराइयों से बचाया जा सके। सफीदों विधानसभा क्षेत्र के विधायक जस्वीर देशवाल और दीनबंधु फाउंडेशन के अध्यक्ष सुरेन्द्र ढल भी इस अवसर पर उपस्थित थे।
इससे पूर्व, राज्यपाल ने मिनर्वा पब्लिक स्कूल कैलराम के परिसर में नशामुक्ति और प्राकृतिक खेती पर आयोजित समारोह की अध्यक्षता की। इस अवसर पर उन्होंने लोगों को अपनी मानसिकता बदल कर अपनी बेटियों को बेहतर शिक्षा के समान अवसर देने का आग्रह किया ताकि वे राष्ट्र की प्रगति व विकास में अपनी भागीदारी सुनिश्चित कर सके। उन्होंने कहा कि आज लड़कियां सभी क्षेत्रों में लड़कों से बेहतर प्रदर्शन कर देश को गौरवान्वित कर रही हैं