पिछले लंबे समय से हाशिये पर चले गए मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल गौर अपने बेबाक अंदाज के लिए जाने जाते हैं, खासकर चुनावी मौसम में. बीते कुछ महीनों से बाबूलाल गौर के यही बेबाक बयान उनकी अपनी पार्टी भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को बार-बार सोचने पर भी मजबूर कर रही है. 2 महीने पहले विधानसभा चुनाव के दौरान उनके बयान पार्टी को असहज करती रही तो अब लोकसभा चुनाव के समय एक बार फिर गौर पार्टी को परेशान करने की मुद्रा में आ चुके हैं.
पिछले साल दिसंबर में हुए विधानसभा चुनाव से पहले जब पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल गौर को लगा कि इस बार उनको टिकट मिलना मुश्किल है तो उन्होंने पहले तो अपनी बहू को अपना उत्तराधिकारी बताते हुए भोपाल की गोविंदपुरा विधानसभा सीट से टिकट की मांग रख दी थी और वक्त-वक्त पर अपनी पार्टी को बयानों से ये अहसास कराते रहे कि गौर परिवार को टिकट नहीं मिला तो बीजेपी को खामियाजा भुगतना पड़ेगा.
अब जब लोकसभा चुनाव आने वाले हैं तो बाबूलाल गौर ने एक बार फिर अपने बयानों के जरिए कांग्रेस प्रेम दिखाते हुए भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) पर दबाव बनाना शुरू कर दिया है.बाबूलाल गौर ने मंगलवार को पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि वो भोपाल लोकसभा सीट से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ने के ऑफर पर विचार कर रहे हैं. कांग्रेस के कई नेता और मंत्री उनसे कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ने का ऑफर दे चुके हैं.
इससे पहले भी बाबूलाल गौर ने जनवरी के महीने में यह कहकर सनसनी फैला दी थी कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने उनसे खाने पर मुलाकात की थी और उन्हें कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ने का ऑफर दिया था. हालांकि गौर ने यह भी कहा था कि बीजेपी चाहे तो उन्हें टिकट दे सकती है क्योंकि पिछले साल हुए कार्यकर्ता महाकुंभ में पीएम मोदी ने उन्हें कहा था ‘बाबूलाल गौर, एक बार और’.
मध्य प्रदेश में कमलनाथ सरकार बनने के बाद से ही बाबूलाल गौर के घर पर कांग्रेस नेताओं की आवाजाही लगी हुई है. पिछले दो महीनों में ही बाबूलाल गौर से उनके घर पर मिलने वालों की लिस्ट में दिग्विजय सिंह और उनके बेटे जयवर्धन सिंह के अलावा जीतू पटवारी, आरिफ अकील और अन्य मंत्री और नेता शामिल हैं. जयवर्धन सिंह राज्य सरकार में मंत्री भी हैं