केन्द्रीय मानव संसाधन मंत्री प्रकाश जावेड़कर तथा मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने आज कांगड़ा जिला के देहरा में हिमाचल प्रदेश के केन्द्रीय विश्वविद्यालय की आधारशिला रखी।
प्रकाश जावेड़कर ने इस अवसर पर कहा कि इस विश्वविद्यालय के निर्माण के लिए वन स्वीकृत उस समय दी गई थी जब वह केन्द्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री थे। उन्होंने कहा कि इस विश्वविद्यालय से क्षेत्र में विकास के नए आयाम स्थापित होने के अतिरिक्त क्षेत्र के युवाओं को गुणात्मक उच्च शिक्षा प्राप्त होगी। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार विश्वविद्यालय परिसर का कार्य शीघ्र पुरा करना सुनिश्चित बनाने के लिए हर संभव सहायता उपलब्ध करवाएगी।
केन्द्रीय मानव संसाधन मंत्री ने कहा कि केन्द्र सरकार ने प्रदेश के लिए अनेक राष्ट्रीय संस्थान स्वीकृत किए है। उन्होंने कहा कि ऊना के लिए आई.आई.आई.टी तथा मण्डी के लिए आई.आई.आई.टी स्वीकृत की गई है। उन्होंने कहा कि मण्डी जिला के लिए कलस्टर विश्वविद्यालय भी स्वीकृत किया गया है। उन्होंने कहा कि इसके अतिरिक्त प्रदेश के लिए अनेक केन्द्रीय विद्यालय भी स्वीकृत किए गए है। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार देश के लगभग 9 लाख स्कूलों को चरणवद्ध तरीके से डिजिटल बोर्ड उपलब्ध करवाने के लिए बचनवद्ध है।
मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने इस अवसर पर कहा कि केन्द्रीय विश्वविद्यालय के दो विभिन्न स्थानों पर दो परिसर होंगे। उन्होंने कहा कि पहला परिसर धर्मशाला के निकट जदरंगल जो 750 हेक्टेयर क्षेत्र में फैला होगा। दूसरा परिसर देहरा में 287 हेक्टेयर क्षेत्र में स्थापित किया जाएगा।
जय राम ठाकुर ने कहा कि प्रदेश सरकार ने राज्य में कार्यभार संभालने के तुरंत बाद वन स्वीकृति के लिए कैंप अधिनियम के तहत 6 करोड़ रुपये की राशि जमा की ताकि वन भूमि को गैर वन उद्ेदश्यों के लिए बदलकर शीघ्र परिसर का निर्माण आरंभ किया जा सके।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इन दोनों परिसरों के निर्माण पर 1300 करोड़ रुपये की राशि व्यय की जाएगी और इनका निर्माण कार्य अगले तीन वर्षों में पूरा हो जाएगा। उन्होंने कहा कि इस परिसर का लगभग 1 हजार हेक्टेयर तक विस्तार होगा जो कि क्षेत्र का बहुत बड़ा विश्वविद्यालय होगा।
जय राम ठाकुर ने कहा कि प्रदेश सरकार राज्य के विद्यार्थियों को गुणात्मक शिक्षा प्रदान करने के लिए बचनवद्ध है। उन्होंने कहा कि वर्तमान वित्त वर्ष के दौरान शिक्षा क्षेत्र पर 7044 करोड़ रुपये व्यय किए जा रहे है जबकि अगले वित्त के लिए 7600 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है जो राज्य सरकार का हिमाचल प्रदेश को देश भर में शिक्षा हब बनाने की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि प्रदेश शिक्षा के क्षेत्र अन्य राज्यों से आगे है। उन्होंने कहा कि प्रदेश की साक्षरता दर केरल के बाद दूसरे स्थान पर है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्व सरकार द्वारा शिक्षा के बारे में बडे़-बड़े दावे किए जाते रहे है परंतु धरातल पर कुछ नही हुआ। उन्होंने कहा कि पूर्व सरकार ने अपने कार्यकाल के अंतिम एक माह के दौरान बिना किसी बजट प्रावधान के चुनाव में फायदे के दृष्टिगत 21 महाविद्यालयों खोलने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि वर्तमान प्रदेश सरकार ने राज्यों के सभी शिक्षण संस्थानों में आवश्यक अधोसंरचना व स्टॉफ सुनिश्चित बनाया है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी प्रदेश सरकार द्वारा आरंभ किए गए विकासात्मक व कल्याणकारी नीतियों व कार्यक्रमों की सराहना की है। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार ने प्रदेश के लिए 10,500 करोड़ रुपये की विकासात्मक परियोजनाएं स्वीकृत की है।
मुख्यमंत्री राजकीय माध्यमिक पाठशाला खाबली को उच्च पाठशाला में स्तरोन्नत करने तथा उच्च पाठशाला बणे-दी-हट्टी को वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला में स्तरोन्नत करने की घोषणा की। इस वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला बणे-दी-हट्टी का नाम शहीद विजेन्द्र सिंह रखने की भी घोषणा की। उन्होंने हरिपुर के लिए लोक निर्माण विभाग के लिए उपमण्डल की भी घोषणा की और देहरा के 100 बिस्तरों वाले नागरिक अस्पताल को 150 बिस्तरों वाले अस्पताल में स्तरोन्नत करने की भी घोषणा की। उन्होंने हरिपुर कॉलेज में विज्ञान कक्षाएं आरंभ करने तथा डलयारा में प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र खोलने की भी घोषणा की। उन्होंने उप तहसील हरिपुर को तहसील में स्तरोन्नत करने की भी घोषणा की। उन्होंने कहा कि 52 करोड़ रुपये की ब्रिकस परियोजनाएं भी देहरा क्षेत्र के लिए स्वीकृत की जाएगी। उन्होंने कहा कि नगर परिषद देहरा के नए भवन का भी निर्माण किया जाएगा।
शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज ने कहा कि प्रदेश में पूर्व भाजपा सरकार के दौरान प्रदेश में केन्द्रीय विश्वविद्यालय स्थापित करने की प्रक्रिया शुरू की गई थी परंतु राज्य की पूर्व कांग्रेस सरकार ने इस दिशा में कुछ भी नही किया। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश को शिक्षा के क्षेत्र में देश भर में अग्रणी राज्य के रूप में आंका गया है जो राज्य सरकार के प्रदेश के युवाओं को गुणात्मक शिक्षा प्रदान करने की वचनबद्धता को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में 3500 से अधिक अध्यापकों को नियुक्त किया गया है और 5 हजार से अधिक अध्यापकों को भर्ती करने की प्रक्रिया जारी है जो अपने आप में एक रिकॉर्ड है।
हमीरपुर संसदीय क्षेत्र के सांसद अनुराग ठाकुर ने कहा कि केन्द्रीय विश्व विद्यालय केन्द्र सरकार का हिमाचल प्रदेश और विशेषकर कांगड़ा के लोगों के लिए विशेष उपहार है। उन्होंने कहा कि 2015 में ही केन्द्र द्वारा सभी स्वीकृतियां प्रदान कर दी गई थी परंतु उस समय की प्रदेश सरकार केन्द्रीय विश्व विद्यालय के निर्माण के लिए उपयुक्त भूमि उपलब्ध करवाने में असफल रही। उन्होंने इस अवसर पर प्रदेश में कार्यान्वित की जा रही विभिन्न केन्द्र प्रायोजित योजनाओं की विस्तृत जानकारी दी।
स्थानीय विधायक होशियार सिंह ने केन्द्रीय मंत्री तथा मुख्यमंत्री का स्वागत किया तथा क्षेत्र की विभिन्न विकासात्मक मांगों को मुख्यमंत्री के समक्ष रखा।
पूर्व मंत्री रविन्द्र सिंह रवि ने कहा कि पूर्व प्रदेश सरकार ने केन्द्रीय विश्व विद्यालय स्थापित करने में अनेक अड़चने पैदा की और वर्तमान प्रदेश सरकार के प्रयासो के कारण ही आज इस परिसर का शिलान्यास हो सका है।
केन्द्रीय विश्व विद्यालय के कुलपति डॉ. कुलदीप चंद अग्निहोत्री ने केन्द्रीय मंत्री व मुख्यमंत्री तथा अन्य गणमान्य व्यक्तियों का स्वागत करते हुए कहा कि यह केन्द्रीय विश्वविद्यालय प्रदेश के युवाओं को गुणात्मक शिक्षा प्रदान करने में मील का पत्थर साबित होगा।
पूर्व मुख्यमंत्री प्रो. प्रेम कुमार धूमल, कांगड़ा संसदीय क्षेत्र के सांसद एवं पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार, ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री वीरेन्द्र कंवर, उद्योग मंत्री ब्रिकम सिंह, राज्य भाजपा के अध्यक्ष सतपाल सिंह सती, राज्य योजना बोर्ड के उपाध्यक्ष रमेश धवाला, हिमाचल पथ परिवहन निगम के उपाध्यक्ष विजय अग्निहोत्री, केन्द्रीय मानव संसाधन मंत्रालय के संयुक्त सचिव जी.सी होसूर, प्रधान सचिव शिक्षा के.के पंत, केन्द्रीय विश्व विद्यालय हिमाचल प्रदेश के कुलाधिपति हरमिन्द्र सिंह बेदी, निदेशक उच्च शिक्षा डॉ. अमरजीत शर्मा, उपायुक्त कांगड़ा संदीप कुमार, पुलिस अधीक्षक संतोष पटयाल व अन्य गणमान्य व्यक्यि उपस्थित थे।