लोकसभा चुनाव से पहले फिर महागठबंधन को झटका देते हुए बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने बिहार में अकेले चुनाव लड़ने की तैयारी की है. मध्य प्रदेश के बाद अब बिहार में भी कांग्रेस की मौजूदगी वाले महागठबंधन से अलग राह पकड़ते हुए बसपा ने अकेले चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही है. बसपा ने राज्य की सभी 40 सीटों पर उम्मीदवार उतारने की घोषणा कर दी है. इसको लेकर बसपा की अध्यक्ष मायावती ने राज्य के नेताओं की दिल्ली में बैठक बुलाई है. बसपा के प्रदेश अध्यक्ष भरत बिंद ने सोमवार को बताया कि पार्टी अध्यक्ष मायावती ने इस साल होने वाले लोकसभा चुनाव के लिए बिहार को निर्देश जारी किया है, जिसके मुताबिक पार्टी सभी 40 सीटों पर मजबूती से चुनाव लड़ेगी.
उन्होंने बताया कि पूरे राज्य में बसपा के जनाधार और सक्रियता को बढ़ाने का प्रयास प्रारंभ कर दिया गया है. इस बीच, बिहार प्रदेश प्रभारी डॉ़ लाल जी मेधंकर ने एक बयान जारी कर कहा है कि राजनीतिक और जातिगत भागीदारी को ध्यान में रखते हुए सभी सीटों पर उम्मीदवारों का चयन करने का भी निर्देश अध्यक्ष द्वारा दिया गया है. उम्मीदवारों के चयन को ध्यान में रखते हुए पार्टी प्रमुख मायावती ने 28 फरवरी को दिल्ली में बिहार के नेताओं की बैठक बुलाई है.
बिहार में भले ही बहुजन समाज पार्टी अकेले लोकसभा चुनाव लड़ने की तैयारी में है, मगर उत्तर-प्रदेश में समाजवादी पार्टी से गठबंधन कर पार्टी चुनाव लड़ रही है. यूपी की कुल 80 लोकसभा सीटों में से सपा 37 और बसपा 38 सीटों पर लोकसभा चुनाव लड़ेगी. अमेठी और रायबरेली की सीट पर गठबंधन ने प्रत्याशी न उतारने का फैसला किया है. 2014 के लोकसभा चुनाव बसपा के लिए एक बुरे स्वप्न की तरह रहा, जब पार्टी को एक भी सीट नसीब नहीं हुई. वहीं समाजवादी पार्टी को भी सिर्फ पांच और कांग्रेस को दो सीटें मिलीं थीं. जबकि बीजेपी और सहयोगी दल को कुल मिलाकर 73 सीट मिली थी. अब इस बार 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी से मुकाबले के लिए यूपी के दोनों प्रमुख दल सपा-बसपा दल साथ आए हैं.