चौथी एनएलआईयू जस्टिस आर. के. तन्खा इंटरनेशनल मूट कोर्ट प्रतियोगिता का समापन
मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ ने कहा है कि कानून का पालन करना कानून निर्माण करने से ज्यादा चुनौतीपूर्ण है। यह सुशासन और लोक हित से जुड़ा है। मुख्यमंत्री आज यहाँ राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय संस्थान, भोपाल में चौथी एनएलआईयू जस्टिस आर के तन्खा इंटरनेशनल मूट कोर्ट प्रतियोगिता 2019 के समापन सत्र को संबोधित कर रहे थे। आयोजन सीनियर एडवोकेट एवं सांसद श्री विवेक तन्खा के ऑफिस द्वारा किया गया था।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कानून का उपयोग ऐसे वंचित वर्गों के हित में होना चाहिये, जो उनके हित में बने कानूनों का उपयोग नहीं कर पाते। उन्होंने कहा कि कानून के उपयोग के माध्यम से वंचित वर्गों के हितों की रक्षा होती है। उन्होंने कहा कि न्याय एक ऐसी स्थिति है, जब व्यक्ति अपने कर्त्तव्यों और जिम्मेदारियों के प्रति संवेदनशील होता है। उन्होंने कहा कि आज शासन, प्रशासन के क्षेत्र में सुधार की सबसे ज्यादा आवश्यकता है। अच्छी नीतियों को जब अक्षम प्रदाय व्यवस्था मिलती है, तो वे सबसे बुरी साबित होती हैं। उनका लाभ लोगों तक नहीं पहुँच पाता।
इस अवसर पर सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश श्री डी.एम. धर्माधिकारी, सिंगापुर इंटरनेशनल आर्बीट्रेशन सेंटर के रजिस्ट्रार श्री केविन नाश ने भी संबोधित किया। मुख्यमंत्री ने प्रतियोगिता के विजेताओं को पुरस्कार प्रदान किये। पहला पुरस्कार नेशनल लॉ स्कूल बैंगलुरु को मिला। उप विजेता गुजरात नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी रही ।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री को संस्थान द्वारा गाँवों को कानूनी विवादों से मुक्त बनाने की दिशा में किये गये कामों और गरीबों को कानूनी सहायता देने संबंधी रिपोर्ट सौंपी गई। उन्होंने ‘इंडियन आर्बीट्रेशन लॉ रिव्यू’ का विमोचन किया। राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय संस्थान भोपाल के कुलपति डॉ. वी. विजय कुमार, रजिस्ट्रार सुश्री गिरीबाला सिंह और विभिन्न विधि विश्वविद्यालय संस्थानों के प्रतियोगी विद्यार्थी उपस्थित थे।