जम्मू कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर हुए हमले के बाद पूरे देश में आक्रोश की लहर है. किसान से लेकर व्यापारी तक हर कोई अपने-अपने स्तर पर पाकिस्तान का विरोध जता रहा है. इस कड़ी में मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले के पान कृषकों ने पाकिस्तान को पान न भेजने का संकल्प लिया है.
बताया जा रहा है कि छतरपुर जिले के गढ़ीमलहरा, महाराजपुर, पिपट, पनागर और महोबा जिले में पान की अच्छी-खासी पैदावार होती है. यहां से भारत के कई शहरों में पान की सप्लाई होती है. इसके अलावा पाकिस्तान, श्रीलंका आदि देशों में भी पान भेजा जाता है.
पान किसानों का कहना है कि पुलवामा हमले से हम आहत हैं. आतंकियों ने हमारे जवानों का खून बहाया है ऐसे में हम पान पाकिस्तान को नहीं बेचेंगे. भले ही हमें नुकसान क्यों ना उठाना पड़े.
गौरतलब है कि छतरपुर का पान मेरठ और शहारंगपुर से पाकिस्तान भेजा जाता है. हर सप्ताह तीन दिन 45 से 50 बंडल पान के पाकिस्तान भेजे जाते हैं. पान के एक बंडल की कीमत 30 हजार रुपये है.
ऐसे में पान किसानों का अनुमानित 13 से 15 लाख रुपये का नुकसान होगा. लेकिन किसानों का कहना है कि नफा-नुकसान की कोई चिंता नहीं है. भारत सरकार जब पानी न देने जैसा बड़ा फैसला ले सकती है तो हम अपने भारत देश की खातिर इतना तो कर ही सकते हैं.
टमाटर ने तोड़ी पाकिस्तान की कमर…
पुलवामा हमले के बाद मध्यप्रदेश के झाबुआ में टमाटर उत्पादक किसानों ने पाकिस्तान को टमाटर निर्यात नहीं करने का फैसला किया है. जिसका असर अब पाकिस्तान में दिखाई देने लगा है.
दरअसल, पेटलावद में उगने वाला टमाटर एक्सपोर्ट क्वालिटी का होता है जिसकी पाकिस्तान में अच्छी मांग है. लेकिन पुलवामा में हुए हमले के बाद किसानों ने मुनाफे से ज्यादा पाकिस्तान को सबक सिखाने की ठानी है. इसलिए एक्सपोर्ट पर रोक लगा दी गई है.