हर दिन का संबंध एक ग्रह से होता है, जैसे रविवार का सूर्य से और सोमवार का चन्द्रमा से. उस दिन उस ग्रह की पूजा करके और उपवास रखकर हम उस ग्रह को मजबूत कर सकते हैं. वहीं, मान्यता है कि बृहस्पतिवार के व्रत से तीन देवताओं की कृपा मिल सकती है- श्री हरि, साईं बाबा और बृहस्पति देव भगवान श्री हरि की कृपा से संपत्ति और सम्पन्नता दोनों मिल सकती हैं. साईं बाबा की कृपा से हर मनोकामना पूरी हो सकती है. बृहस्पति देव की कृपा से संतान और विवाह की समस्याएं दूर हो सकती हैं. यह व्रत हर प्रकार से सुख, शान्ति और समृद्धि देता है.
कैसे बृहस्पतिवार का व्रत-
– शुक्लपक्ष के बृहस्पतिवार के दिन स्नान करके व्रत का संकल्प लें.
– सूर्य को हल्दी मिलकर जल अर्पित करें.
– इसके बाद केले के पौधे में जल में हल्दी गुड़ चना दाल मिलाकर अर्पित करें और गाय के घी का दीया जलाएं तथा बृहस्पति के मन्त्रों का जाप करें.
– दोपहर 12 बजे से पहले बृहस्पति व्रत कथा भी कह और सुन सकते हैं.
– दिन में केवल जल और फल पर उपवास रखें.
– संध्याकाल को पुनः मन्त्र जाप करें जैसे- ॐ गुरवे नमः
किन व्यक्तियों के लिए बृहस्पतिवार व्रत रखना लाभकारी होगा-
– जिनकी कुंडलियों में बृहस्पति नीच राशि मकर में हो या छठे आठवें बारहवें भाव में होता है.
– जिनका कन्याओं का विवाह न हो पा रहा हो या वैवाहिक जीवन ख़राब हो.
– जिन लोगों को संतान सम्बन्धी कोई भी समस्या हो.
– जिनको साईं बाबा की कृपा पानी हो.
– जिनको पेट या मोटापे की कोई समस्या हो या कोई लंबी बीमारी पीछा ना छोड़ रही हो, तो उन लोगों को बृहस्पति का व्रत जरूर करना चाहिए.
विवाह और संतान के लिए कैसे करें पूजा-
– शुक्लपक्ष के बृहस्पतिवार से व्रत रखें.
– सुबह के समय सूर्य को हल्दी मिलाकर जल अर्पित करें.
– इसके बाद हल्दी की माला से बृहस्पति के मंत्र का 3 माला जाप करें मंत्र “ॐ बृं बृहस्पतये नमः”
– जाप के बाद अपनी समस्या के लिए भगवान से प्रार्थना करें और छोटे बच्चों में पीले फल बाटें.
– इस दिन सूर्यास्त के पहले ही पीला भोजन कर लेना उत्तम होता है.
साईं बाबा की कृपा प्राप्ति के लिए क्या करें-
– साईं बाबा की कृपा के लिए बृहस्पति का व्रत उपवास रखें.
– साईं बाबा के मंदिर जाएं और उन्हें पीले फूलों की माला अर्पित करें.
– उनके चरणों पर सर रखकर मनोकामना पूर्ति की प्रार्थना करें.
– निर्धनों में हलवा पूरी का वितरण करें और स्वयं भी वहीं प्रसाद खाएं.
बृहस्पति को प्रसन्न करने का महाउपाय-
– बृहस्पतिवार के दिन केसर में गंगा जल मिलाएं.
– एक चौकोर भोजपत्र पर अनार की कलम से ‘ॐ नमो भगवते वासुदेवाय’ तीन बार लिखें.
– इसी मंत्र का तीन माला जाप करें फिर इस भोजपत्र को मोड़कर अपनी पॉकेट या पर्स में रख लें.