एक ऐसे देश में जहां शेन वॉर्न जैसे दिग्गज स्पिनर को भी संघर्ष करना पड़ा था, वहां ऑस्ट्रेलिया के ही एडम जांपा प्रभावशाली साबित हो रहे हैं. उन्होंने न सिर्फ भारत के खिलाफ पहले चार मैचों में 8 विकेट चटकाए, बल्कि दो-दो बार महेंद्र सिंह धोनी, विराट कोहली और केदार जाधव को आउट किया. धोनी और विराट मौजूदा समय में भारत में स्पिन खेलने वाले बल्लेबाजों में बेहतर माने जाते हैं.
वहीं, अगर तुलना की जाए तो भारत के लेग स्पिनर युजवेंद्र चहल को मोहाली में खेले गए चौथे मैच में मार पड़ी थी. चहल ने 10 ओवरों में 80 रन देकर महज एक विकेट हासिल किया था. इस मैच के बाद कई क्रिकेट पंडितों ने चहल की आलोचना की थी, लेकिन श्रीलंका के पूर्व दिग्गज स्पिनर मुथैया मुरलीधरन ने चहल की पैरवी करते हुए उन्हें चैम्पियन बताया है और कहा है कि वह सिर्फ इंसान हैं, रोबोट नहीं.
मुरलीधरन ने आईएएनएस से कहा, ‘आप एक खिलाड़ी से यह उम्मीद नहीं कर सकते कि वह जब भी मैच खेलेगा, पांच विकेट लेगा. वह चैम्पियन गेंदबाज हैं और बीते दो साल से अच्छी गेंदबाजी कर रहे हैं. उन्होंने बताया है कि उनके पास विविधता है और वह विपक्षी बल्लेबाज को परेशान कर सकते हैं. यह सिर्फ एक मैच में उनके विफल होने की बात है. विश्वास कीजिए, वह रोबोट नहीं हैं. आप एक खिलाड़ी से हर मैच में बेहतर प्रदर्शन करने की उम्मीद कर उस पर दबाव नहीं डाल सकते.’
भारत के पूर्व दिग्गज स्पिनर इरापल्ली प्रसन्ना ने भी मुरलीधरन की बात को दोहराया है और कहा है कि एक मैच कुछ बदल नहीं देता. उन्होंने कहा, ‘चहल ने कितने मैच खेले हैं- लगभग 50 (41)? क्या आप मुझसे कह रहे हैं कि उन्होंने अपने देश के लिए इतने वनडे ऐसे ही खेल लिये? हमें उनके साथ धैर्य रखना होगा. मुझे लगता है कि ऑस्ट्रेलिया खिलाड़ी बीते वर्षों में लेग स्पिन के अच्छे बल्लेबाज बन गए हैं. चहल के पास योग्यता है और उन्होंने इस बात को साबित भी किया है.’
जांपा ने चहल की तुलना में अच्छा प्रदर्शन किया है, इस सवाल पर पूर्व ऑफ स्पिनर प्रसन्ना ने पलटकर पूछा, ‘जांपा ने विकेट ले लिये, सिर्फ इसलिए चहल पर सवाल उठे..? मुझे नहीं लगता कि यह सही है, क्योंकि उन्होंने इस सीरीज में सिर्फ एक मैच खेला है.’