दुनियाभर में हर साल 15 मार्च को वर्ल्ड स्लीप डे मनाया जाता है. इस साल वर्ल्ड स्लीप डे की थीम ‘हेल्दी स्लीप और हेल्दी एजिंग’ है. वर्ल्ड स्लीप डे मनाने का उद्देश्य लोगों को 7-8 घंटे सोने से सेहत को होने वाले फायदों के बारे में जागरूक करना है.
कई स्टडी में इस बात की पुष्टि हो चुकी है कि नींद की कमी के कारण लोगों को दिल की बीमारी, स्ट्रोक, हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज के साथ वजन बढ़ने की समस्या भी हो सकती है. जी, हां, वजन कम करने के लिए अच्छी और भरपूर मात्रा में ली गई नींद, डाइट और एक्सरसाइज जितनी ही जरूरी होती है.कम सोने के साथ अनहेल्दी लाइफस्टाइल, डाइट, तनाव भी वजन बढ़ने के लिए जिम्मेदार होते हैं. हेल्थ एक्सपर्ट के मुताबिक, नींद की कमी से शरीर के घ्रेलिन और लेप्टिन हार्मोंस पर असर पड़ता है. शरीर में घ्रेलिन हार्मोन के निकलने पर भूख का ज्यादा एहसास होता है. ये हार्मोन मेटाबॉलिज्म को कमजोर करता है और शरीर में फैट जमा करता है.
वहीं, लेप्टिन हार्मोन शरीर की फैट कोशिकाओं से निकलता है. ये हार्मोन को भूख को कम करता है. शरीर में लेप्टिन हार्मोन के कम मात्रा में बनने से भूख ज्यादा लगती है, जिस कारण आप जरूरत से ज्यादा खा लेते हैं. ये आपका वजन बढ़ाने का काम करता है. बता दें, नींद पूरी ना होने से शरीर में लेप्टिन हार्मोन का स्तर कम होता है और घ्रेलिन हार्मोन का स्तर बढ़ता है. इसकी वजह से आपको ज्यादा भूख लगती है. जरूरत से ज्यादा खाने की वजह से वजन बढ़ने लगता है.नींद की कमी के कारण वजन बढ़ने के साथ, दिमाग और सेहत पर भी बहुत बुरा असर पड़ता है. इसलिए अगर आप अपने वजन को कंट्रोल में रखना चाहते हैं तो 7-8 घंटे की नींद जरूर लें.