जनजातीय क्षेत्र होली में गुरुवार को बर्फबारी से जन जीवन बुरी तरह से प्रभावित हो गया है। मुख्यालय में चार इंच तक हिमपात हुआ। जबकि ऊपरी क्षेत्रों में आधा फीट तक बर्फबारी दर्ज की गई। बर्फबारी होने से क्षेत्र में ठंड बढ़ गई है। वाहनों की आवाजाही भी पूरी तरह से ठप है। इसके अलावा ऊपरी क्षेत्र में बिजली आपूर्ति भी ठप पड़ गई है। इससे समूचा इलाका प्रचंड ठंड की चपेट में आया गया है।
मार्च माह में हिमपात होने से क्षेत्र के लोग भी हैरान है। स्थानीय बुद्धिजीवियों की मानें तो होली में मार्च माह में यह दूसरी बार हिमपात हुआ है। इससे पहले वर्ष 1986 में अप्रैल माह में बर्फबारी हुई थी। इस कारण गेहूं की फसल पूरी तरह से दब गई थी। पहली बार मार्च माह में हिमपात होने से ग्रामीण सहम गए है। ग्रामीणों की मानें तो मार्च माह में बर्फबारी होने से नुकसान बढ़ सकता है।
ध्याना राम, देविया राम, प्रभुदयाल, हरी सिंह, कैलाश चंद, रोशन लाल, भीष्म सिंह, रावण सिंह का कहना है कि इस बार मौसम की वजह से काफी नुकसान हुआ है। एक तरफ जहां सड़कें क्षतिग्रस्त हो गई है तो वहीं लोगों के मकान भी क्षतिग्रस्त हो गए है। इगुरुवार को बर्फबारी होने से होली-खड़ामुख मार्ग पर वाहनों की आवाजाही थम गई है। इसके चलते लोगों को पैदल ही आवाजाही करनी पड़ रही है। इससे जगह-जगह भूस्खलन भी शुरू हो गया। इसके चलते लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।