इलाहाबाद से भाजपा सांसद श्यामाचरण गुप्ता को समाजवादी पार्टी ने आज बांदा से टिकट दिया। इससे पहले 2004 से 2009 के बीच वह बांदा से सासंद रह चुके हैं। 2004 में वह समाजवादी पार्टी की टिकट पर बांदा से चुनाव जीते थे। इसके बाद 2009 में वह फूलपुर सीट से भी सपा की टिकट पर चुनाव लड़े लेकिन यहां उन्हें 15000 से कम वोटों से बसपा प्रत्याशी के हाथों हार का सामना करना पड़ा था। श्यामाचरण गुप्ता बुंदेलखंड और विंध्याचल इलाके के एक बड़े कारोबारी भी हैं। वह श्यामा ग्रुप ऑफ कंपनीज के सीएमडी हैं।
श्यामाचरण गुप्ता अपनी सरकार के खिलाफ बयानबाजी करते रहे हैं। कुछ दिनों पहले इनके बेटे विदुप अग्रहरि ने कहा था कि अगर भाजपा उनके पिता का टिकट काटती है तो वह अकेले चुनाव लड़ेंगे। ऐसे में अब कयास लगाए जा रहे हैं कि विदुप अब इलाबाद से निर्दलीय चुनाव लड़ सकते हैं। इनको यूपी के कैबिनेट मंत्री नंदगोपाल नंदी के विरोधी खेमे का माना जाता है।
इससे पहले समाजवादी पार्टी (सपा) ने शुक्रवार को 5 उम्मीदवारों की सूची जारी की। इस सूची में बहु अपर्णा यादव का नाम नहीं शामिल किया गया। सपा सूत्रों के अनुसार सुरेन्द्र कुमार उर्फ मुन्नी शर्मा को गाजियाबाद सीट से और कैराना से रालोद की मौजूदा सांसद तबस्सुम हसन इस बार इसी सीट से सपा प्रत्याशी के तौर पर मैदान में उतारा गया।
इसके अलावा पूर्व सांसद शफीक उर रहमान बर्क संभल से, प्रदेश के पूर्व मंत्री विनोद कुमार उर्फ पंडित सिंह को गोण्डा सीट से और राम सागर रावत बाराबंकी (सुरक्षित) सीट से चुनाव मैदान पर उतारा गया।
इससे पहले सपा ने 11 उम्मीदवारों की तीन सूची पहले ही जारी कर चुकी थी यानि अब तक कुल 16 सीटों पर उम्मीदवारों के नाम तय किए जा चुके हैं। सपा-बसपा के बीच चुनावी गठबंधन के तहत सपा के हिस्से 37 सीटें आयी हैं। उत्तर प्रदेश की 80 लोकसभा सीटों में से बसपा 38 सीटों पर चुनाव लड़ेगी।