प्रियंका गांधी प्रयागराज के मनैया घाट से अपनी चुनावी यात्रा आरंभ की है. गंगा नदी में स्टीमर के जरिए वो वाराणसी पहुंचने वाली हैं जहां अस्सी घाट पर पार्टी के कार्यकर्ताओं से मिलेंगी और उसके बाद काशी विश्वनाथ मंदिर में भगवान शिव का दर्शन करेंगी. प्रियंका गांधी के इस कार्यक्रम का वाराणसी के कुछ वकील ने विरोध किया है. वकीलों के एक समूह ने सोमवार को जिला मजिस्ट्रेट को एक पत्र सौंपा जिसमें उन्होंने कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा को काशी विश्वनाथ मंदिर में प्रवेश करने की अनुमति नहीं दिये जाने का अनुरोध किया गया है.
पत्र में दावा किया गया है कि प्रियंका ईसाई हैं और सनातन धर्म के प्राचीन मूल्यों को ध्यान में रखते हुए उन्हें मंदिर में प्रवेश करने से रोका जाना चाहिए. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को संबोधित कर लिखे गए पत्र में कहा गया कि उनकी पूजा की जगह चर्च है. प्रियंका गांधी अपने इस यात्रा के जरिए पूर्वी उत्तर प्रदेश के लोकसभा क्षेत्रों में पार्टी कार्यकर्ताओं के बीच पहुंचने की कोशिश कर रही है. कांग्रेस महासचिव बनाए जाने के बाद प्रियंका गांधी काफी सक्रिय हो गई हैं और पूर्वी उत्तर प्रदेश के प्रभारी के तौर पर अपने क्षेत्र में स्थिति को मजबूत करने में लगी हुई हैं.
2014 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को दो सीटों पर जीत मिली थी जबकि प्रदेश की 80 में से 71 सीटों पर बीजेपी का कब्जा हासिल हुआ था. जानकारों का मानना है कि 2019 के आम चुनाव की तासीर अलग है. यहां तक कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के नेताओं ने भी स्वीकार किया है कि कांग्रेस के साथ-साथ सपा, बसपा और रालोद की चुनौती काफी मजबूत है.
बता दें, प्रियंका गांधी वाड्रा ने सोमवार को उत्तर प्रदेश में अपने चुनाव अभियान की शुरुआत करते हुए कहा कि जनता के लिये अगला लोकसभा चुनाव एक चुनौती है और उसे यह तय करना होगा कि वह नफरत और फरेब की राजनीति चाहती है या विकास की. प्रयागराज से वाराणसी के बीच गंगा नदी में 100 किलोमीटर के सफर पर निकली प्रियंका ने अपने पहले पड़ाव के तहत भदोही के सीतामढ़ी स्थित जानकी मंदिर परिसर में आयोजित जनसभा में केन्द्र की नरेन्द्र मोदी सरकार पर जमकर प्रहार किये और कहा ”आप (जनता) के लिये यह चुनाव नहीं बल्कि चुनौती है. उसे वोट दीजिये, जिसके लिये आपका दिल धड़कता है.’