मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल तहजीब और रवायतों का शहर है। ये शहर सभी तरह के जायकों के लिए भी प्रसिद्ध है। यहां की नमक वाली चाय आज इस शहर की पहचान बन चुकी है। शाम ढलते ही पुराने भोपाल में वर्षों पुरानी चाय की कुछ दुकानों में हुजूम उमड़ पड़ता है और शुरू हो जाता है चुस्कियों का सिलसिला, जो आधी रात तक चलता है।
ये वो नमक वाली चाय है, जो आज भोपाल के जायके का नाम बन चुकी है। इस चाय का इतिहास भी बेहद दिलचस्प है। भोपाल की बेगम सिकंदर जहां एक बार तुर्की गईं थीं और वहां से वे इस नमक वाली चाय की रेसीपी लेकर आईं। बाद में पंजाब के महाराजा रंजीत सिंह ने भी नवाब हमीदुल्लाह को एक विशेष चाय के जायके का राज बताया और इस तरह भोपाल की प्रसिद्ध नमक वाली चाय धीरे- धीरे नवाबों के महल में और फिर वहां से निकल कर शहर के कई होटलों में पहुंची गई और आज यह लोगों की आदत बन गई है।
भोपाल की प्रख्यात नमक वाली चाय को शमाबार,सुलेमानी और घूंघट वाली जैसे कई नामों से भी पहचाना जाता है। आज भी पुराने भोपाल में मुमताज होटल, पटेल होटल और राजू टी स्टाल में सूरज ढलते ही नमक वाली चाय के कद्रदानों का हुजूम उमड़ पड़ता है।