टिकट फाइनल होने के बाद दिग्विजय सिंह पहली बार बुधवार को भोपाल पहुंच रहे हैं। कांग्रेस संगठन ने उनके स्वागत की खासी तैयारी की हुई है। दिग्विजय पार्टी नेताओं के साथ बैठक कर चुनाव की रणनीति तय करेंगे। मंगलवार को उन्होंने जगदगुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती से झोतेश्वर धाम में आशीर्वाद लिया
दिग्विजय उनके दीक्षित शिष्य हैं। इसके बाद दिग्विजय जबलपुर के दयोदय तीर्थ तिलवारा पहुंचे, जहां जैन संत आचार्य विद्यासागर से उन्होंने एक घंटे तक चर्चा की। इसी बीच दिग्विजय के हिंदूवादी होने की बात भी चर्चा में आ गई। कांग्रेस विधायक आरिफ अकील ने सीहोर में भाजपा को चुनौती देते हुए कह दिया कि दिग्विजय सबसे बड़े हिंदूवादी हैं और उनसे बड़ा हिंदूवादी कोई हो तो मैदान में आ जाए। वहीं दिग्विजय के बेटे जयवर्धन ने कहा कि मेरे पिता सच्चे हिंदू हैं। राघौगढ़ में हमारे घर में 300 साल से नौ मंदिरों में पूजा हो रही है। दरअसल दिग्विजय तीन माह में 12 से ज्यादा मठ-मंदिरों और 4 संत-आचार्यों का आशीर्वाद ले चुके हैं।
19 मार्च को वाराणसी स्थित केदारघाट पहुंचे, जहां उन्होंने बाबा विश्वनाथ के दर्शन किए और आचार्य रामानंदाचार्य का आशीर्वाद लिया। इस दौरान दिग्विजय ने तीन प्राचीन स्थलों के दर्शन बिंदु माधव, भैरो माधव और दंड पाणेश्वर के दर्शन किए। 20 मार्च को कटनी में पंडित देवप्रभाकर शास्त्री (दद्दाजी) का आशीर्वाद लिया। 21 फरवरी को सीहोर जिले के बिलकिसगंज में प्राचीन माता मंदिर में जाकर मत्था टेका। 16 फरवरी को होशंगाबाद में नर्मदा जयंती के उपलक्ष्य में नर्मदा परिक्रमा वासियों से मुलाकात और विशाल भंडारा आयोजन में भाग लिया। 20 फरवरी को देवास में कबीर महोत्सव में शामिल हुए। 9 फरवरी को छत्तीसगढ़ में डोंगरगढ़ पहुंचकर, मां बग्लेश्वरी देवी के दर्शन कर आशीर्वाद लिया। 5 फरवरी उज्जैन में हरसिद्धी माता मंदिर के दर्शन किए। 6 फरवरी राजस्थान के प्रतापगढ़ जिले में जाजली में सिद्ध हनुमान मंदिर में पहुंचकर बजरंगबली का आशीर्वाद लिया।