सुखराम और उनके पोते आश्रय शर्मा की कांग्रेस में घर वापसी के बाद बेशक कई कांग्रसजनों द्वारा जुवान पर स्वागत किया जा रहा हो, लेकिन अंदर खाते वीरभद्र सिंह और कौल समर्थकों में आश्रय शर्मा को कांग्रेस का टिकट दिए जाने की तमाम अटकलों पर चिंगारी सुलगने लगी है। इसी सिलसिले में वीरभद्र गुट ने मंडी संसदीय क्षेत्र में एकजुट होकर आगे की रणनीति पर विचार करना शुरू कर दिया है। सूत्रों के मुताबिक मंडी संसदीय क्षेत्र के वीरभद्र गुट के कई नेताओं ने बुधवार को पंडोह के पास होटल में एक गुप्त बैठक की है। इसमें वीरभद्र समर्थकों ने आगे की रणनीति का खाका तैयार कर लिया।
बताया जा रहा है कि इस बैठक में दो दर्जन से ज्यादा नेता जुुटे और आश्रय शर्मा की टिकट दावेदारी को लेकर ही चर्चा की गई। इसमें आगे की रणनीति का भी रोडमैप तैयार किया गया। 33 साल के आश्रय की दावेदारी और उन्हें हाईकमान से टिकट की अटकलों पर क ई कांग्रेस के सीनियर लीडर्ज को अब ऐतराज होने लगा है। हालांकि अभी वे खुलकर बोल नहीं पा रहे हैं।
सूत्र बताते हैं कि इस बैठक में पूर्व मंत्री प्रकाश चौधरी,धर्मपुर से कांग्रेस के नेता चंद्रशेखर, पूर्व सीएम वीरभद्र के ओएसडी रहे अमित पाल सराज, कांग्रेस नेता चेतराम ठाकुर, जोगिंद्रनगर से कांग्रेस नेता सुरेंद पाल, कांग्रेस नेता पुष्पराज, कांग्रेस नेता शशी शर्मा, एडवोकेट तरुण पाठक, हरेंद्र सैन सहित कई नेता शामिल रहे।
इस बैठक में जो रणनीति बनी है उससे साफ दिख रहा है कि कांग्रेस में वीरभद्र गुट भी शांत बैठने वाला नहीं है। हालांकि इस के बारे में किसी नेता ने अभी तक आधिकारिक बयान नहीं दिया है। बैठक की पुष्टि कांग्रेस नेता चंद्रशेखर ने की है। उनसे जब बात हुई तो उन्होंने कहा कि बैठक हुई है, वह ज्यादा इस बारे में नहीं बता सकते हैं।वीरभद्र गुट का मंडी संसदीय सीट पर व्यापक जनाधार है और हर जगह उनके समर्थक हैं। इससे हाईकमान को मैनेज करना बड़ी चुनौती होगी। यदि वीरभद्र गुट ने आक्रामक रुख अपनाया तो आश्रय शर्मा की दावेदारी और जीत दोनों ही मुश्किल में पड़ जाएंगी।