केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा मंडल (सीबीएसई) ने 2019-2020 सत्र के लिए पाठ्यक्रम में अहम् बदलाव किए हैं। छात्रों की प्रारंभिक शिक्षा में नए सत्र से खेलकूद के साथ जहां योग जोड़ा गया है। दसवीं में अब छात्रों को दो तरह के गणित बेसिक और स्टेण्डर्ड का विकल्प रखा गया है। वहीं नौवीं के छात्र भी अब वैकल्पिक विषय के तौर पर आर्टिफीशियल इंटेलीजेंस (क्रत्रिम बुद्धिमत्ता) को चुन सकते हैं। छात्रों को प्रारंभिक बाल्यावस्था देखभाल शिक्षा विषय के रूप में पढ़ाया जाएगा, जिसकी सभी कक्षाएं व्यक्तिगत अनुभव और प्रयोग अाधारित होंगी।
सीबीएसई की काउंसलर रुशदा खान ने कहा, यह पूरा करिकुलम बच्चों को कुछ नया सिखाने पर केंद्रित है। बच्चे रटने की बजाय हर विषय में कुछ नया सीखें और इसका उपयोग जीवन में कर सकें, इसके लिए स्किल आधारित व्यावसायिक विषय जोड़े गए हैं, जैसे एआई, कृषि, खाद्य, वस्त्र निर्माण आदि। शिक्षकों को ऐसी पाठन तकनीक पर काम करने को कहा है, जिसमें कमजोर और पढ़ाई में अच्छे, दोनों बच्चे एक साथ एक ही कक्षा में बराबर स्तर का सीख पाएं।
सीबीएसई स्कूल के 9वीं कक्षा के छात्रों को आर्टिफीशियल इंटेलिजेंस (क्रत्रिम बुद्धिमत्ता) को 6वें वैकल्पिक विषय के रूप में पढ़ने की सुविधा होगी। सीबीएसई ने कहा है कि शिक्षा व्यवस्था में बदलाव का यह फैसला नई पीढ़ी को और अधिक संवेदनशीन बनाने के उद्देश्य से लिया गया है।
सीबीएसई काउंसलर डॉ. राजेश शर्मा ने बताया, नए पाठ्यक्रम में छात्रों के पास 10वीं क्लास में दो तरह का मैथ्स होगा। जो छात्र 11वीं-12वीं में गणित नहीं लेना चाहते, वे दसवीं में बेसिक मैथ्स पढ़ सकते हैं। वहीं जिनको गणित चुनना है, वे स्टैंडर्ड मैथ्स लेकर पेपर दे सकते हैं। इंटरनल एसेसमेंट के अंक घटाकर 15 कर दिए हैं, और मुख्य परीक्षा में इसका वेटेज भी 5 अंकों का कर दिया गया है, जो पहले 15 अंकों का था।
आनंद विहार स्कूल के प्राचार्य शैलेष झोपे ने कहा- नए पाठ्यक्रम में बच्चों के संपूर्ण विकास की बात की गई है। अब प्रारंभिक बाल्यावस्था देखभाल शिक्षा में योग को नए विषय के रूप में पढ़ना होगा। नर्सरी और केजी के बच्चों को शुरू से ही योग कराया जाएगा, ताकि उनका मन और शरीर चुस्त रहे।