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बेटे सरकारी कर्मचारी, लेकिन आजीविका के लिए मां लगा रही घरों में झाड़ू-पोछा….

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लगभग 15 साल से अकेली रह रही 61 वर्षीय एक महिला को अपने दो बेटों की अच्छी-खासी सरकारी नौकरी के बावजूद आजीविका के लिए घरों में झाड़ू-पोंछा लगाना पड़ रहा है. उसका एक बेटा बिक्री कर विभाग में अधीक्षक है तो दूसरा सरकारी बस कंडक्टर है. महाराष्ट्र के नासिक जिले में रह रही प्रमीला नाना पवार नाम की इस महिला की दुर्दशा उस समय प्रकाश में आई जब एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ.

इसके बाद शहर पुलिस ने उसे उसके एक बेटे से मिलाने में मदद की. महिला असल में पड़ोस के नंदूरबार शहर से है. 1995 में उसके पति की मौत हो गई थी. इसके बाद उसने अपने बेटों को शिक्षा उपलब्ध कराने के लिए कड़ी मेहनत की. पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि हालांकि कुछ गलतफहमी की वजह से उसके बेटे उससे अलग हो गए. इसके बाद वह यहां अकेली रहने को विवश हो गई और रोजी-रोटी के लिए लोगों के घरों में झाड़ू-पोंछा लगाने लगी.अधिकारी ने कहा कि पिछले कई साल से महिला को यह तक नहीं पता था कि उसके बेटे कहां रहते हैं. पिछले सप्ताह सोशल मीडिया पर एक वीडियो क्लिप वायरल हुई जिसमें उसने कहा कि उसका एक बेटा सतीश पवार पुलिस में उपनिरीक्षक है और दूसरा बेटा महाराष्ट्र राज्य परिवहन निगम में कार्यरत है. नासिक के पुलिस आयुक्त विश्वास नांगरे पाटिल ने भी इस वीडियो क्लिप को देखा और अधिकारियों से पुलिस विभाग में महिला के बेटे का पता लगाने को कहा.पुलिस को अपने विभाग में महिला का बेटा नहीं मिला, लेकिन बाद में उसने पता लगाया कि वह यहां के बिक्री कर कार्यालय में जीएसटी विभाग में है. सतीश पवार और उसकी मां को मंगलवार को पुलिस आयुक्त कार्यालय में बुलाया गया जहां दोनों को आपसी गलतफहमी दूर करने की सलाह दी गई. पुलिस आयुक्त ने संवाददाताओं को बताया कि इसके बाद मां-बेटे ने एक-दूसरे को मिठाई खिलाई और फिर बेटा अपनी मां को अपने घर ले गया.

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