Home हिमाचल प्रदेश हिमाचल में चैत्र नवरात्र के लिए सज गए शक्तिपीठ ऐसे करें दर्शन..

हिमाचल में चैत्र नवरात्र के लिए सज गए शक्तिपीठ ऐसे करें दर्शन..

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आज से शुरू हो रहे चैत्र नवरात्रों के लिए हिमाचल की शक्तिपीठ देशी-विदेशी फूलों, फल-पत्तियों और रंग-बिरंगी रोशनियों से सज गई हैं। 15 अप्रैल तक मंदिरों में उत्सव जैसा माहौल रहेगा। चार पहर की आरतियां होंगी। श्रद्धालुओं की ज्यादा संख्या को देखते हुए मंदिरों के कपाट आधी रात दो बजे से खुलना शुरू होंगे।नयनादेवी के कपाट 24 घंटों में मात्र ढाई घंटे ही बंद रहेंगे। दिव्यांगों और गर्भवती महिलाओं को कतार में नहीं लगना होगा। पुलिस, होमगार्ड और सीसीटीवी से सुरक्षा के प्रबंध किए हैं। चामुंडा में 21 विद्वान शतचंडी, लघुरुद्र, गायत्री पाठ, रामायण पाठ करेंगे। नवरात्र के दौरान बाहरी राज्यों से भी लाखों की संख्या में श्रद्धालु शक्तिपीठों सहित अन्य प्रसिद्ध मंदिरों में मां के दर्शन के लिए आते हैं।

श्रीराम जन्मभूमि पर भव्य मंदिर निर्माण के लिए ज्वालामुखी मंदिर में प्रथम नवरात्र और नववर्ष प्रतिपदा से ज्वालामुखी मंदिर में सुबह 6:07 बजे से 7:37 बजे तक अनुष्ठान होगा। विश्व हिंदू परिषद के ज्वालामुखी प्रखंड अध्यक्ष पुजारी प्रशांत शर्मा ने बताया कि ज्वालाजी समेत पूरे देश में एक करोड़ राम भक्त यह अनुष्ठान करेंगे। सुबह 4 बजे मंदिर के कपाट खुलेंगे और रात दस बजे बंद होंगे। सुबह 8 बजे मां चामुंडा की आरती होगी। सायं 7:30 बजे शाम की आरती होगी। सुबह 8 बजे मां चामुंडा को हलवे और दोपहर 12 बजे हलवे और पूरी का भोग अर्पित होगा। रात 8:30 पर आलू और दूध का भोग लगाया जाएगा।

सुबह पांच से छह बजे पहली आरती और भोग मालपुआ, रबड़ी, पीले चावल, दोपहर 11:30 से 12:30 बजे भोग षटरस, सायं सात बजे से आठ बजे तक भोग पूरी-चना, रात 9 बजे से 9:30 बजे तक भोग ऋतु फल शृंगार। आरती 9:30 से 10 बजे तक, भोग मिश्री, दूध आदि अर्पित किया जाएगा। मंदिर के कपाट श्रद्धालुओं के लिए सुबह पांच बजे खुलेंगे और रात दस बजे बंद होंगे। सुबह साढ़े छह बजे माता की आरती के बाद भोग लगेगा। 12 बजे दिन का और सायं सात से साढ़े सात बजे तक आरती के बाद भोग लगेगा

सुबह चार बजे कपाट खुलेंगे, जबकि रात दस बजे बंद होंगे। आरती सुबह 4 से 5 बजे तक होगी। इसके साथ ही स्नान शृंगार और कन्या पूजन होगा। सायंकालीन आरती 7 से 8 बजे तक होगी। भोग का समय दोपहर 12 से 12:30 रहेगा। इसमें खीर, चने, हलवा, पूरी व चावल, माल पुआ, मेवा, लौंग, इलायची, पान, सुपारी का भोग लगाया जाएगा। मंदिर के कपाट रात बारह से दो बजे और दोपहर 12 से 12.30 बजे तक बंद रहेंगे। शेष समय दर्शनार्थी माता के दर्शन कर सकेंगे। नवरात्रों के दौरान रात्रि के समय 12 से 2 के बीच चार आरतियां एक साथ होंगी। इसमें सायंकालीन शयन मंगल आरती व प्रात: कालीन आरती होगी। दोपहर के समय 12 से 12.30 के बीच मध्यान आरती होगी।

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